नई दिल्ली।
Indian football funding: भारत में फुटबॉल प्रेमियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन भारतीय फुटबॉल को मिलने वाला समर्थन और संसाधन अब सवालों के घेरे में हैं। एक ओर जहां विदेशी फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी की भारत यात्रा पर करीब 120 से 150 करोड़ रुपये खर्च होने की रिपोर्ट सामने आई, वहीं दूसरी ओर भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए बजट बेहद सीमित नजर आता है।
⚽ AIFF का बजट: जरूरत के मुकाबले कम?
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए करीब ₹84.18 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इसमें से—
- पुरुष फुटबॉल टीम के लिए: ₹4.76 करोड़
- महिला फुटबॉल टीम के लिए: ₹2.74 करोड़
- पीआर और प्रचार के लिए: ₹2 करोड़
- राज्य संघों को अनुदान: प्रति राज्य ₹24 लाख (अनुशंसित)
यह बजट वरिष्ठ और आयु वर्ग टीमों, प्रतियोगिताओं और विकास कार्यक्रमों को मिलाकर तैयार किया गया है।
📉 सरकारी फंडिंग में गिरावट
हालांकि खेल मंत्रालय का कुल बजट 2025-26 में बढ़कर लगभग ₹3,794 करोड़ हो गया है, लेकिन AIFF को मिलने वाली सीधी सरकारी सहायता में लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
- 2019-20: ₹30 करोड़
- 2024-25: ₹8.78 करोड़
यानी, जिस खेल को जमीनी स्तर पर निवेश की सबसे अधिक जरूरत है, वहां संसाधन घटते जा रहे हैं।
🌍 मेसी की भारत यात्रा और अरबों का खर्च
दूसरी ओर, लियोनेल मेसी की भारत यात्रा ने देशभर में जबरदस्त उत्साह पैदा किया।
कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के स्टेडियम पहले ही पूरी तरह बिक चुके थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एक इवेंट पर ₹120 से ₹150 करोड़ तक खर्च हुआ।
ब्रांड मेसी ने भले ही व्यावसायिक सफलता दिलाई हो, लेकिन इससे एक बड़ा सवाल खड़ा होता है—
क्या हम भारतीय खिलाड़ियों से ज्यादा विदेशी सितारों पर भरोसा कर रहे हैं?
🤔 विकास बनाम दिखावा?
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि—
- स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी से लोकप्रियता बढ़ती है
- लेकिन स्थायी विकास के लिए घरेलू लीग, अकादमी और जमीनी निवेश जरूरी है
अगर वही संसाधन भारतीय खिलाड़ियों, कोचिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हों, तो आने वाले वर्षों में भारत खुद अपने “मेसी” तैयार कर सकता है।
🏟️ आगे की राह
भारतीय फुटबॉल इस समय निर्णायक मोड़ पर खड़ा है।
या तो नीति-निर्माता—
- दीर्घकालिक विकास में निवेश करें
- या फिर विदेशी सितारों की चमक तक सीमित रह जाएं
फैसला आज का है, असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा।
