कोरबा, 16 दिसंबर 2025।
Indira Nagar basti protest: छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर स्थित इंदिरा नगर बस्ती के करीब 250 परिवारों के सामने बेघर होने का संकट खड़ा हो गया है। रेलवे प्रशासन द्वारा घर खाली करने का नोटिस दिए जाने के बाद बस्तीवासियों में गहरा आक्रोश देखने को मिला।
🚧 रेलवे नोटिस के विरोध में सड़क पर उतरे लोग
मंगलवार को आक्रोशित बस्तीवासियों ने पवन टॉकीज फाटक के पास मुख्य चौक पर धरना-प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल रहे। लोगों का कहना है कि वर्षों से बसे घरों को बिना पुनर्वास उजाड़ना सरासर अन्याय है।
🚦 धरने से यातायात व्यवस्था प्रभावित
मुख्य चौक पर धरना दिए जाने से—
- चारों दिशाओं में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं
- शहर की यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई
इससे पहले सोमवार को रेलवे अधिकारियों ने संबंधित मकानों पर खाली कराने के निशान लगाए थे, जिसके विरोध में बस्तीवासियों ने स्टेशन परिसर में भी प्रदर्शन किया था।
🏠 विस्थापन और मुआवजे की मांग पर अड़े लोग
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि—
- जब तक वैकल्पिक आवास उपलब्ध नहीं कराया जाता
- और उचित मुआवजा सुनिश्चित नहीं होता
तब तक वे अपने घर खाली नहीं करेंगे। बस्तीवासियों ने यह भी कहा कि दबाव या डर के सहारे विस्थापन को वे स्वीकार नहीं करेंगे।
🏛️ प्रशासन का आश्वासन, आंदोलन स्थगित
नायब तहसीलदार दीपक पटेल ने बताया कि बस्तीवासियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। उनकी मुख्य मांग है कि पुनर्वास और मुआवजा तय होने के बाद ही रेलवे कोई कार्रवाई करे। प्रशासन ने फिलहाल कोई कठोर कदम न उठाने का आश्वासन दिया है।
⚠️ मांगें नहीं मानी गईं तो कलेक्ट्रेट घेराव
वार्ड पार्षद तामेश अग्रवाल ने कहा कि प्रशासनिक आश्वासन के बाद फिलहाल धरना समाप्त किया गया है। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि—
यदि समय रहते मांगों पर ठोस निर्णय नहीं हुआ, तो कलेक्ट्रेट का घेराव कर आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
⚖️ विकास बनाम मानवीय सरोकार
यह मामला एक बार फिर शहरी विकास और मानवीय सरोकारों के बीच संतुलन का सवाल खड़ा करता है। अब निगाहें जिला प्रशासन और रेलवे के अगले फैसले पर टिकी हैं।
