रायपुर, 16 दिसंबर 2025।
ED action on officers in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाइयों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले तीन वर्षों में ईडी ने सात वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इनमें से दो अधिकारी फिलहाल जेल में हैं, जबकि पांच को जमानत मिल चुकी है। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में लिखित जवाब के माध्यम से दी।
🏛️ विधानसभा में उठा सवाल
रायपुर पश्चिम से विधायक राजेश मूणत द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कैलेंडर वर्ष 2023, 2024 और 2025 के दौरान ईडी की कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा सदन के सामने रखा।
🔍 जेल में बंद अधिकारी
मुख्यमंत्री के जवाब के अनुसार—
▶️ अनिल टुटेजा
- वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव
- उनके विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई
- वर्तमान में जेल में बंद
▶️ निरंजन दास
- आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई
- अभियोग पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी गई
- फिलहाल जेल में
⚖️ जमानत पर रिहा अधिकारी
▶️ रानू साहू (IAS)
- तत्कालीन कोरबा कलेक्टर
- ईडी की कार्रवाई के बाद निलंबित
- वर्तमान में जमानत पर
▶️ सौम्या चौरसिया
- राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी
- तत्कालीन उप सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय
- ईडी की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर निलंबन
- अभियोजन की स्वीकृति
- जमानत पर
▶️ भरोसा राम ठाकुर
- तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर
- सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निलंबन
- अभियोजन स्वीकृत
- जमानत पर
🗂️ अन्य मामलों में जांच जारी
▶️ समीर विश्नोई (IAS)
- भू-विज्ञान एवं खनिज विभाग के तत्कालीन निदेशक
- आरोप पत्र जारी
- ईडी कार्रवाई के बाद निलंबन
▶️ जे.पी. मौर्य
- भौमिक एवं खनिकर्म के तत्कालीन संचालक
- ACB और EOW जांच के लिए अनुमति
📌 सरकार का रुख
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि—
- ईडी की कार्रवाई में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है
- राज्य सरकार ने जहां आवश्यक हुआ, वहां निलंबन और अभियोजन स्वीकृति प्रदान की
- भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहनशीलता नीति अपनाई जा रही है
🧭 प्रशासनिक हलकों में असर
इन कार्रवाइयों से प्रशासनिक गलियारों में हलचल है। साथ ही यह संदेश भी गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में पद और रुतबा बाधा नहीं बनेगा।
