रायपुर, 16 दिसंबर 2025।
Lala Jagdalpuri Jayanti tribute: बस्तर की सांस्कृतिक पहचान को शब्दों में जीवंत करने वाले महान साहित्यकार लाला जगदलपुरी की जयंती (17 दिसंबर) के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।
📚 साहित्य के माध्यम से बस्तर को मिली पहचान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लाला जगदलपुरी जी ने अपने साहित्य के माध्यम से बस्तर की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और लोकजीवन को देश-दुनिया तक पहुँचाया।
हिंदी के साथ-साथ हल्बी, भतरी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं में किया गया उनका सृजन बस्तर की आत्मा और संवेदनाओं का सशक्त दस्तावेज है।
यह Lala Jagdalpuri Jayanti tribute केवल स्मरण नहीं, बल्कि उनकी साहित्यिक विरासत के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
🏞️ अमूल्य कृतियाँ, पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि—
- “बस्तर : इतिहास एवं संस्कृति”
- “बस्तर की लोक कथाएँ”
जैसी कृतियाँ बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को समझने के लिए आज भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये रचनाएँ नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य करती हैं।
🏅 साहित्यिक विरासत, छत्तीसगढ़ की धरोहर
श्री साय ने कहा कि पं. सुन्दरलाल शर्मा आंचलिक साहित्य अलंकरण से सम्मानित लाला जगदलपुरी जी की साहित्यिक धरोहर छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है।
उनका जीवन और कृतित्व समाज को संस्कृति से जोड़ने और उसे सहेजने की प्रेरणा देता रहेगा।
🌿 बस्तर की आत्मा को शब्दों में ढालने वाला व्यक्तित्व
लाला जगदलपुरी का साहित्य केवल लेखन नहीं, बल्कि बस्तर की जीवनशैली, परंपरा और चेतना का जीवंत प्रतिबिंब है। उनकी रचनाएँ आने वाले समय में भी बस्तर की पहचान को मजबूत करती रहेंगी।
