ड्रिप तकनीक से खेती कर सारंगढ़ के किसान मुकेश चौधरी बने कृषि उद्यमी, लाखों की सालाना कमाई

रायपुर, 16 दिसंबर 2025।
Drip irrigation farming success story: छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक किसान ने आधुनिक सोच और मेहनत के बल पर खेती की तस्वीर बदल दी है। विकासखंड बरमकेला के ग्राम नवापाली निवासी प्रगतिशील किसान श्री मुकेश चौधरी ने ड्रिप इरिगेशन तकनीक को अपनाकर न केवल अपनी आय बढ़ाई, बल्कि सैकड़ों किसानों के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं।

🌱 पारंपरिक खेती से आधुनिक तकनीक तक का सफर

श्री मुकेश चौधरी ने वर्ष 2011 में मात्र दो एकड़ भूमि पर पारंपरिक विधि से मिर्ची की खेती शुरू की थी। इसी दौरान उन्हें उद्यान रोपणी केंद्र नदीगांव के तत्कालीन वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक श्री सुरेन्द्र पटेल से मार्गदर्शन मिला।
यहीं से उन्हें ड्रिप इरिगेशन फार्मिंग सक्सेस स्टोरी की दिशा दिखाई दी।

💧 बरमकेला ब्लॉक में ड्रिप तकनीक की पहली शुरुआत

वर्ष 2013 में श्री चौधरी ने बरमकेला ब्लॉक में पहली बार ड्रिप तकनीक से खेती शुरू की।
इस पद्धति में—

  • गहरी जुताई
  • मेड निर्माण
  • लेटरल पाइप लाइन
  • मल्चिंग तकनीक

का उपयोग किया गया।
ड्रिप के माध्यम से संतुलित सिंचाई और पोषक तत्व मिलने से मिर्ची की पैदावार लगभग दोगुनी हो गई।

🌶️ 12 एकड़ में मिर्ची की खेती, लाखों की आमदनी

बेहतर परिणाम मिलने के बाद उन्होंने धान की खेती का रकबा घटाया और मिर्ची की खेती को बढ़ाया।
वर्तमान में वे लगभग 12 एकड़ भूमि में मिर्ची की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आय हो रही है।
यह सफलता Drip irrigation farming success story का बेहतरीन उदाहरण बन चुकी है।

👨‍🌾 अन्य किसानों के लिए बने प्रेरणास्रोत

मुकेश चौधरी की सफलता को देखकर खिंचरी, बांजीपाली, बेंद्रापारा, रिसोरा, नूनपानी, लिंजिर और प्रधानपुर सहित आसपास के गांवों के किसान भी—

  • धान के साथ
  • मिर्ची
  • साग-सब्जी

की खेती ड्रिप पद्धति से करने लगे हैं।

🏆 कृषक रत्न पुरस्कार से हुआ सम्मान

खेती में नवाचार और जैविक एवं समन्वित कृषि को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 में राज्य सरकार ने श्री मुकेश चौधरी को डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
सम्मान स्वरूप उन्हें—

  • प्रशस्ति पत्र
  • मोमेंटो
  • दो लाख रुपये का चेक

प्रदान किया गया।

🌾 प्राकृतिक खेती को दे रहे नई दिशा

वर्ष 2025 में कृषि विभाग ने उन्हें प्राकृतिक खेती हेतु बीआरसी नियुक्त किया है।
उनके साथ—

  • टिकेश्वरी महापात्र (जलाकोना)
  • खेल कुमारी (धौंरादरहा)

को भी यह जिम्मेदारी दी गई है।
अब ये बीआरसी दर्जनों गांवों में किसानों को प्राकृतिक खाद निर्माण और बीज उपचार की जानकारी दे रहे हैं।

📢 कृषि विभाग का कहना

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, श्री मुकेश चौधरी द्वारा मिर्ची की खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती लगातार की जा रही है।
उनकी यह पहल छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक मिसाल बन चुकी है।

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