CG Education News | 16 दिसंबर 2025
Korea Agriculture College: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित डॉ. रामचंद्र सिंहदेव कृषि महाविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला सरकारी संसाधनों के कथित दुरुपयोग से जुड़ा है, जिसने प्रशासनिक और शैक्षणिक हलकों में हलचल मचा दी है।
सूचना का अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि महाविद्यालय के डीन ने सरकारी वाहन से एक वर्ष में लगभग 48 हजार किलोमीटर यात्रा का दावा किया है।
📌 RTI दस्तावेजों में क्या सामने आया
RTI से प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार, डीन द्वारा उपयोग किए गए टाटा सूमो गोल्ड वाहन की लॉगबुक में लगभग रोजाना वाहन के कॉलेज परिसर से निकलने और लौटने की प्रविष्टियां दर्ज हैं।
दस्तावेजों में दर्ज कुल दूरी सामान्य प्रशासनिक उपयोग से काफी अधिक बताई जा रही है, जिससे सरकारी वाहन और ईंधन उपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
🧾 डीन ने आंकड़ों को बताया गलत
जब RTI में सामने आए तथ्यों पर डीन से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो कई प्रयासों के बाद उनसे बातचीत हो सकी।
डीन ने RTI में दर्ज किलोमीटर आंकड़ों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया। उनका कहना है कि वे प्रतिदिन कॉलेज आते हैं और नियमित रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
हालांकि, यहीं से मामला और पेचीदा हो जाता है।
यदि डीन की दैनिक उपस्थिति कॉलेज परिसर तक ही सीमित है, तो फिर सरकारी वाहन से इतनी लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता क्यों पड़ी, यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है।
🚨 सरकारी वाहन और ईंधन दुरुपयोग की आशंका
यदि RTI में दी गई जानकारी सही साबित होती है, तो यह मामला सरकारी वाहन और ईंधन के दुरुपयोग की श्रेणी में आ सकता है।
वहीं, अगर आंकड़े गलत हैं, तो यह महाविद्यालय के रिकॉर्ड प्रबंधन, लॉगबुक प्रणाली और जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
दोनों ही स्थितियों में यह मामला अब केवल कागजी विवाद नहीं रह गया है, बल्कि प्रशासनिक जांच की मांग को जन्म दे रहा है।
🔍 प्रशासनिक कार्रवाई की मांग तेज
स्थानीय स्तर पर इस पूरे प्रकरण को लेकर चर्चा तेज हो गई है। जानकारों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि—
- वाहन का उपयोग किस उद्देश्य से हुआ
- ईंधन खर्च का वास्तविक विवरण क्या है
- लॉगबुक प्रविष्टियों की सत्यता कितनी है
ताकि सरकारी संसाधनों के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
