कोरबा |
Korba coal scam: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित गेवरा कोयला खदान से अवैध कोयला निकासी का एक गंभीर मामला सामने आया है। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि यह केवल कोयला चोरी नहीं, बल्कि Korba coal scam के रूप में उभरता एक संगठित नेटवर्क हो सकता है, जिसकी कड़ियां दीपका क्षेत्र से लेकर बिलासपुर के निजी कोल डिपो तक जुड़ी बताई जा रही हैं।
बड़ी कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी के वाहन जांच के घेरे में
Korba coal scam: सूत्रों के अनुसार, गेवरा खदान से अडानी पावर लिमिटेड के जयरामनगर साइडिंग के लिए रवाना हुए तीन कोयला लदे ट्रक बीते तीन दिनों से दीपका थाना परिसर में खड़े हैं।
बताया जा रहा है कि ये ट्रक छत्तीसगढ़ की एक बड़ी कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी के हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
जयरामनगर के बजाय निजी कोल डिपो में खपाया जा रहा था कोयला
जांच में सामने आया है कि कोयले को तय साइडिंग तक पहुंचाने के बजाय फर्जी दस्तावेजों के जरिए बिलासपुर जिले के एक निजी कोल डिपो में उतारा जा रहा था।
चौंकाने वाली बात यह है कि संबंधित ट्रांसपोर्ट कंपनी का खुद का कोल डिपो भी बिलासपुर में ही स्थित है, जिससे Korba coal scam में मिलीभगत की आशंका और गहराती जा रही है।
GPS से की जाती थी बड़ी चालाकी
सूत्र बताते हैं कि—
- गेवरा से निकलने के बाद ट्रकों को साइडिंग से पहले रोक लिया जाता था
- ट्रकों से GPS डिवाइस निकालकर मोटरसाइकिल पर लगा दिए जाते थे
- सिस्टम में ट्रक की लोकेशन सही दिखती थी
- जबकि वास्तव में ट्रक कोयला लेकर बिलासपुर के डिपो पहुंच जाते थे
रिकॉर्ड में कोयले की डिलीवरी जयरामनगर साइडिंग की दर्शाई जाती थी।
ट्रक मालिक का दावा और पुलिस की स्थिति
मामले में ट्रक मालिक ने दावा किया है कि वाहन रायपुर के लिए लोड थे और पुलिस उन्हें जबरन दीपका थाना लाई है।
हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिलासपुर के कोल डिपो में ट्रकों का पाया जाना इस बात का संकेत है कि मामला साधारण नहीं है।
जांच के दायरे में आ सकते हैं बड़े नाम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक—
- जांच में सरकारी कर्मी
- ट्रांसपोर्टर
- कोल लिफ्टर
- और बड़े कारोबारी
भी शामिल किए जा सकते हैं। फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़कर Korba coal scam की परतें खोलने में जुटी हुई है।
आने वाले दिनों में हो सकते हैं बड़े खुलासे
सूत्रों का दावा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में अहम और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
प्रशासन और पुलिस की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि यह घोटाला कितने बड़े स्तर पर फैला हुआ है।
