Sonam Wangchuk के संस्थान HIAL को लेकर संसदीय पैनल की बड़ी सिफारिश, UGC से मान्यता देने की मांग

नई दिल्ली |

लद्दाख में वैकल्पिक और जमीनी शिक्षा का मॉडल पेश करने वाले Himalayan Institute of Alternatives Ladakh को लेकर संसद की एक स्थायी समिति ने बड़ा बयान दिया है। समिति ने संस्थान के काम को “उदाहरणीय” बताते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से इसे शीघ्र मान्यता देने की सिफारिश की है।

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब संस्थान के संस्थापक सोनम वांगचुक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल में बंद हैं।


UGC मान्यता पर वर्षों से लंबित मामला

संसद में हाल ही में पेश रिपोर्ट में शिक्षा, महिला, युवा और खेल मामलों की स्थायी समिति ने चिंता जताई कि Himalayan Institute of Alternatives Ladakh को अब तक UGC की मान्यता नहीं मिली है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला कई वर्षों से लंबित है, जबकि संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। समिति ने स्पष्ट शब्दों में सिफारिश की कि UGC को HIAL को मान्यता देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए

इस संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह कर रहे हैं।


स्थानीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय पहचान

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि Himalayan Institute of Alternatives Ladakh ने न केवल स्थानीय समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है।

विशेष रूप से—

  • आइस स्टूपा परियोजना
  • सामुदायिक भागीदारी
  • पर्यावरण आधारित नवाचार

जैसी पहल को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से मेल

संसदीय पैनल के अनुसार, सोनम वांगचुक का यह संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के मूल उद्देश्यों को दर्शाता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि HIAL—

  • अनुभव आधारित शिक्षा
  • समुदाय से जुड़ा सीखने का मॉडल
  • भारतीय ज्ञान परंपरा

को व्यवहार में उतारता है, जो नई शिक्षा नीति की आत्मा है।


मॉडल को देशभर में अपनाने की सलाह

समिति ने यह भी सिफारिश की कि शिक्षा मंत्रालय को HIAL के मॉडल का अध्ययन करना चाहिए और इसे देश के अन्य हिस्सों में Centres of Innovation in Education या अन्य माध्यमों से लागू करने पर विचार करना चाहिए।


सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और विवाद

गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी लेह में हुए उस आंदोलन के बाद हुई, जिसमें लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की जा रही थी।

इस आंदोलन के दौरान हुई पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी।
केंद्र सरकार ने आरोप लगाया कि हिंसा वांगचुक के “उकसावे वाले बयानों” के कारण भड़की।


FCRA लाइसेंस और जमीन आवंटन रद्द

घटनाक्रम के बाद—

  • गृह मंत्रालय ने वांगचुक की NGO SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया
  • अगस्त में लद्दाख प्रशासन ने फ्यांग गांव में HIAL को दी गई जमीन का आवंटन भी रद्द कर दिया

सरकार का कहना है कि 2018 में दी गई जमीन की लीज शर्तें पूरी नहीं हुईं, इसलिए 2019 में ही वह समाप्त हो गई थी।


एक ओर जहां Himalayan Institute of Alternatives Ladakh को संसद की समिति शिक्षा का आदर्श मॉडल मान रही है, वहीं दूसरी ओर इसके संस्थापक सोनम वांगचुक कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।

अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि UGC और शिक्षा मंत्रालय संसदीय सिफारिशों पर क्या कदम उठाते हैं।

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