Blind Faith Fraud Warning: प्रदेश में तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और कथित चमत्कारों के नाम पर हो रही घटनाएं अब गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पिछले कुछ समय से राज्य के कई जिलों में ठगी, धोखाधड़ी और यहां तक कि हत्याओं के मामले सामने आए हैं, जिनकी जड़ अंधविश्वास है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे फर्जी बैगा, कथित तांत्रिक और झूठे चमत्कार दिखाने वालों के झांसे में न आएं।
हालिया घटनाएं जो चिंता बढ़ाती हैं
डॉ. दिनेश मिश्र के अनुसार, केवल पिछले दो सप्ताह में ही कई गंभीर घटनाएं दर्ज की गई हैं—
- बालोद: तंत्र-मंत्र से खजाना दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
- कोरबा: रुपए को करोड़ों में बदलने के नाम पर तांत्रिक अनुष्ठान और तीन हत्याएं
- गरियाबंद: तांत्रिक इलाज के बहाने जेवर और नकदी हड़पने के मामले
ये घटनाएं साफ संकेत देती हैं कि Blind Faith Fraud Warning को अब गंभीरता से लेने की जरूरत है।
चमत्कार नहीं, सिर्फ चालाकी है
डॉ. मिश्र ने कहा कि तथाकथित चमत्कार पूरी तरह बनावटी होते हैं।
असल में ये वही ट्रिक्स हैं, जैसी जादूगर मंच पर दिखाते हैं—
रुपये दोगुने करना, किसी व्यक्ति को दो हिस्सों में काटकर जोड़ देना या किसी इमारत को गायब दिखाना।
👉 फर्क सिर्फ इतना है कि जादूगर इसे मनोरंजन कहते हैं,
जबकि तांत्रिक इसे सिद्धि और चमत्कार बताकर लोगों को भ्रमित करते हैं।
अगर चमत्कार होते, तो योजनाओं की जरूरत क्यों?
डॉ. दिनेश मिश्र ने सवाल उठाया कि यदि चमत्कारों से ही देश चलता,
तो सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, ऊर्जा और रक्षा के लिए योजनाएं बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा—
- कोरोना काल में न कोई बाबा काम आया,
- न कोई चमत्कार,
- बल्कि डॉक्टर, अस्पताल, दवाइयां और वैक्सीन ही जीवन रक्षक साबित हुईं।
मानसिक बीमारियां भी अंधविश्वास की शिकार
उन्होंने कहा कि पहले मानसिक बीमारियों को भूत-प्रेत से जोड़ दिया जाता था।
आज चिकित्सा विज्ञान ने साबित कर दिया है कि—
- मानसिक रोगों का इलाज मनो चिकित्सक करते हैं
- झाड़-फूंक नहीं, वैज्ञानिक उपचार जरूरी है
किसी बीमार व्यक्ति को जादू-टोने या प्रेत-बाधा के नाम पर डराना न केवल गलत, बल्कि अपराध भी है।
अंधविश्वास से जुड़ा हिंसक सच
डॉ. मिश्र ने चेताया कि जादू-टोने के शक में—
- महिलाओं को टोनही कहकर प्रताड़ित किया जाता है
- हर साल देशभर से हजारों हिंसक मामले सामने आते हैं
इसलिए समाज को अंधविश्वास में और धकेलने के बजाय,
लोगों को जागरूक और वैज्ञानिक सोच वाला बनाना जरूरी है।
कानून क्या कहता है?
उन्होंने बताया कि भारत सरकार का ड्रग एंड मैजिक रेमेडी एक्ट
तंत्र-मंत्र, झूठे चमत्कार और भ्रामक इलाज को अपराध मानता है।
हर व्यक्ति को अपने धर्म के प्रचार का अधिकार है,
लेकिन ठगी, डर और भ्रम फैलाने का कोई अधिकार नहीं।
प्रशासन और जनता दोनों की जिम्मेदारी
अंत में डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा—
- प्रशासन को ऐसे मामलों में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए
- और आम लोगों को स्वार्थी तत्वों से दूरी बनानी चाहिए
Blind Faith Fraud Warning सिर्फ एक चेतावनी नहीं,
बल्कि समाज को सुरक्षित रखने की जरूरत है।
