रायपुर।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जुड़ा DSP Kalpana Verma Controversy इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सोशल मीडिया पर लेडी DSP कल्पना वर्मा और कारोबारी दीपक टंडन के बीच कथित तौर पर वायरल हो रही चैट्स ने इस विवाद को और हवा दे दी है।
हालांकि, इस पूरे मामले में अब DSP कल्पना वर्मा की ओर से स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने आई है।
🔍 वायरल चैट्स को DSP ने बताया फर्जी
DSP कल्पना वर्मा ने कारोबारी दीपक टंडन द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया।
उन्होंने कहा कि—
“सोशल मीडिया पर जो चैट्स वायरल हो रही हैं, वे पूरी तरह फर्जी हैं। मेरी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल कर एडिटेड चैट्स बनाई गई हैं।”
DSP ने यह भी स्पष्ट किया कि
इस मामले में वह कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही हैं।
💬 कारोबारी से संबंध को लेकर क्या बोलीं DSP?
DSP Kalpana Verma Controversy में संबंधों को लेकर उठ रहे सवालों पर DSP ने कहा कि—
- दीपक टंडन से उनका कोई व्यक्तिगत या प्रेम संबंध नहीं रहा
- टंडन और उनके पिता हेमंत वर्मा के बीच वर्षों से व्यावसायिक लेन-देन था
- इसी कारण वह टंडन को जानती थीं
DSP के अनुसार,
दीपक टंडन ने उनके पिता से 42 लाख रुपये लिए थे और इसके बदले तीन चेक दिए थे, जो बाद में बाउंस हो गए।
⚖️ चेक बाउंस केस से जुड़ा है विवाद?
DSP कल्पना वर्मा ने दावा किया कि—
- चेक बाउंस को लेकर पहले से कानूनी मामला चल रहा था
- कारोबारी लगातार केस वापस लेने का दबाव बना रहा था
- दबाव सफल न होने पर कथित रूप से फर्जी चैट्स वायरल की गईं
DSP ने यह भी कहा कि
जिस होटल विजिट को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है, वह केवल पैसों की वसूली के सिलसिले में थी।
🧾 कारोबारी दीपक टंडन के आरोप क्या हैं?
दूसरी ओर, कारोबारी दीपक टंडन ने दावा किया है कि—
- DSP ने उन्हें कथित लव-रिलेशनशिप में फंसाया
- धीरे-धीरे उनसे करीब 2 करोड़ रुपये लिए गए
- लग्जरी गिफ्ट्स और होटल रजिस्ट्री का भी आरोप लगाया
हालांकि,
इन आरोपों को लेकर अब तक किसी भी पक्ष ने FIR दर्ज नहीं कराई है।
🔎 कानूनी स्थिति और सच्चाई
फिलहाल, DSP Kalpana Verma Controversy में
मामला आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित है।
न तो पुलिस केस दर्ज हुआ है और
न ही किसी जांच एजेंसी की आधिकारिक पुष्टि सामने आई है।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि
सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट और वास्तविक सच्चाई के बीच फर्क समझना कितना जरूरी है।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि
कानूनी प्रक्रिया इस विवाद को किस दिशा में ले जाती है।
