भिलाई।
भिलाई इस्पात संयंत्र में हुए एक पुराने लेकिन गंभीर हादसे में अब पुलिस कार्रवाई सामने आई है।
Bhilai Steel Plant Accident के इस मामले में लापरवाही को गंभीर मानते हुए पुलिस ने संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी और ठेकेदार सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई औद्योगिक सुरक्षा को लेकर एक अहम संदेश मानी जा रही है।
⚙️ लापरवाहीपूर्ण कार्य बना हादसे की वजह
पुलिस के अनुसार, यह मामला 25 अप्रैल 2023 का है।
उस दिन भिलाई इस्पात संयंत्र के एसएमएस-2 कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप के कास्टर-6 में इक्यूपमेंट कूलिंग पाइपलाइन बदली जा रही थी।
काम के दौरान पाइप शिफ्टिंग के समय वहां मौजूद ज्वलनशील पदार्थ में अचानक आग लग गई, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
🔥 चार मजदूर झुलसे, एक की मौत
हादसे में ठेका श्रमिक—
- राजू तांडी
- रमेश मौर्य
- अमित सिंह
- रंजीत सिंह
गंभीर रूप से झुलस गए। सभी को तत्काल उपचार के लिए सेक्टर-9 स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र में भर्ती कराया गया।
इलाज के दौरान रंजीत सिंह की मौत हो गई, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया।
👮♂️ पुलिस की कार्रवाई, तीन गिरफ्तार
भिलाई भट्ठी थाना प्रभारी राजेश साहू ने बताया कि विस्तृत जांच के बाद यह कार्रवाई की गई।
पुलिस ने—
- सुशांता कुमार घोषाल (मुख्य महाप्रबंधक, एसएमएस-2)
- धीरेन्द्र कुमार कुशवाहा (शिफ्ट इंचार्ज, यांत्रिकी)
- अभय कुमार (ठेकेदार, मारुति कंस्ट्रक्शन कंपनी)
को गिरफ्तार किया।
हालांकि, बाद में तीनों को न्यायालय से जमानत मिल गई।
🏭 औद्योगिक सुरक्षा पर उठे सवाल
Bhilai Steel Plant Accident ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि
क्या बड़े औद्योगिक संयंत्रों में ठेका श्रमिकों की सुरक्षा को पर्याप्त प्राथमिकता दी जा रही है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हादसे केवल तकनीकी नहीं,
बल्कि प्रबंधन और निगरानी की कमी का नतीजा होते हैं।
📌 निष्कर्ष
यह कार्रवाई केवल एक गिरफ्तारी नहीं,
बल्कि लापरवाही के खिलाफ चेतावनी है।
यदि समय रहते सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता,
तो शायद एक मजदूर की जान बचाई जा सकती थी।
अब उम्मीद की जा रही है कि Bhilai Steel Plant Accident से सबक लेकर भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जाएगा।
