जब कोई देश आर्थिक शक्ति बनने की बात करता है, तो दुनिया उसे केवल GDP से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून, मीडिया की स्वतंत्रता और पर्यावरण जैसे मानवीय सूचकांकों से भी परखती है।
वर्ष 2024–25 में जारी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में India global index ranking ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।
🏥 स्वास्थ्य व्यवस्था: इलाज महंगा, व्यवस्था कमजोर
वैश्विक Healthcare Index 2025 के अनुसार, भारत की रैंकिंग करीब 44वें स्थान पर है।
हालाँकि निजी अस्पतालों में आधुनिक सुविधाएँ हैं, लेकिन ग्रामीण और गरीब तबके के लिए आज भी इलाज एक संघर्ष बना हुआ है।
यही वजह है कि वैश्विक मंच पर India global index ranking में स्वास्थ्य क्षेत्र कमजोर दिखता है।
🎓 शिक्षा की गुणवत्ता: संख्या अधिक, गुणवत्ता पर सवाल
संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत लगभग 130वें स्थान पर है।
देश में कॉलेज और विश्वविद्यालयों की संख्या भले बढ़ी हो, लेकिन सीखने की गुणवत्ता और समान अवसर आज भी बड़ी चुनौती हैं।
⚖️ कानून का शासन: न्याय की रफ्तार धीमी
World Justice Project 2024 के मुताबिक, कानून के शासन के मामले में भारत करीब 79वें स्थान पर है।
न्याय मिलने में देरी और लंबित मामलों की संख्या ने India global index ranking को प्रभावित किया है।
📰 प्रेस स्वतंत्रता: लोकतंत्र की आवाज कमजोर
World Press Freedom Index 2024 में भारत की रैंकिंग 151वें से 159वें स्थान के बीच रही।
यह स्थिति बताती है कि दुनिया भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएँ जता रही है।
💰 प्रति व्यक्ति आय: बड़ी अर्थव्यवस्था, आमदनी छोटी
भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में रैंक लगभग 136वीं है।
इसका सीधा असर आम नागरिक के जीवन स्तर पर पड़ता है।
🍽️ भूख का संकट: विकास के बीच भूख की सच्चाई
Global Hunger Index 2024 में भारत 105वें स्थान पर रहा।
बच्चों में कुपोषण और भोजन की असमान उपलब्धता आज भी एक कड़वी सच्चाई है।
🌍 पर्यावरण प्रदर्शन: सबसे कमजोर कड़ी
Environmental Performance Index 2024 में भारत 180 देशों में 176वें स्थान पर रहा।
वायु प्रदूषण, जल संकट और जलवायु परिवर्तन ने India global index ranking को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाया है।
📌 मानव कहानी क्या कहती है?
इन रैंकिंग्स के पीछे केवल आंकड़े नहीं, बल्कि आम भारतीय की रोजमर्रा की ज़िंदगी छुपी है—
कभी अस्पताल की लाइन,
कभी नौकरी के लिए संघर्ष,
तो कभी साफ हवा की तलाश।
India global index ranking यह साफ संकेत देती है कि आर्थिक विकास के साथ-साथ मानव विकास पर गंभीर ध्यान देना जरूरी है।
जब तक शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और अभिव्यक्ति की आज़ादी मजबूत नहीं होगी, तब तक वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति सवालों में बनी रहेगी।
