रायपुर, 11 दिसंबर 2025/ सक्ती जिले के ग्राम हसौद में मंगलवार का दिन आध्यात्मिक आस्था और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम बन गया। यहां चल रहे 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधिवत शामिल होकर प्रदेशवासियों के लिए मंगलकामनाएं कीं। उन्होंने इस विशाल आयोजन को छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक परंपरा, सांस्कृतिक गौरव और सामूहिक सद्भाव की भव्य अभिव्यक्ति बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गायत्री मंत्र मानव जीवन को ऊर्जावान, सदाचारी और संस्कारित बनाने की शक्ति रखता है। उन्होंने बताया कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर 24 सिद्धियों और शक्तियों के प्रतीक हैं, जो हर मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक बल प्रदान करते हैं।
“सनातन संस्कृति को मिली वैश्विक पहचान”—मुख्यमंत्री साय
Gayatri Mahayagya Hasaud: अपने संबोधन में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति, परंपराओं और आस्था को विश्व पटल पर नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा—
“500 वर्षों के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ, काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प हुआ। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की पावन भूमि है, भगवान श्रीराम का ननिहाल है।”
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित रामलला दर्शन योजना के माध्यम से अब तक 38 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या जाकर रामलला का दर्शन कर चुके हैं।

डॉ. चिन्मय पण्डया ने किया सम्मान
कार्यक्रम में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार के कुलपति डॉ. चिन्मय पण्डया ने मुख्यमंत्री साय का सम्मान करते हुए उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया। आयोजन स्थल पर देशभर से आए गायत्री परिवार के सदस्य, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
कन्या विवाह योजना के तहत 140 नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद
मुख्यमंत्री साय ने हसौद प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत विवाह बंधन में बंधे 140 नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। योजना के तहत उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना सामाजिक समरसता और नारी सम्मान को मजबूत करने वाली पहल है।
जैतखाम में पूजा-अर्चना और प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना
हसौद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री साय जैतखाम भी पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और निरंतर प्रगति की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के सत्य, अहिंसा, समानता और ‘मनखे-मनखे एक समान’ के संदेश आज भी सामाजिक समरसता का मार्ग दिखाते हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह से अपील करते हुए कहा कि इन आदर्शों को आत्मसात कर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सभी सक्रिय योगदान दें।
