SIR discussion in Lok Sabha: देश की संसद के शीतकालीन सत्र का आठवां दिन चुनाव सुधारों और लोकतंत्र की प्रक्रियाओं पर गहन बहस का दिन साबित हुआ। लोकसभा में आज SIR discussion in Lok Sabha के दौरान सत्ता और विपक्ष आमने-सामने नज़र आए।
चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए Special Intensive Revision (SIR) अभ्यास को लेकर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए, जबकि सत्तापक्ष ने चुनावी सुधारों को भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए जरूरी बताया।
राहुल गांधी का आरोप—ECI चुनाव “शेप” कर रहा है
SIR discussion in Lok Sabha: बहस की शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि SIR प्रक्रिया में चुनाव आयोग “सरकार के साथ मिलकर चुनावों को आकार देने की कोशिश” कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जनता को भरोसा तभी मिलेगा जब चुनाव आयोग निष्पक्ष दिखाई देगा और SIR के नियम पारदर्शी तरीके से लागू होंगे।
उप्र के उपचुनावों पर सवाल — इमरान मसूद का आरोप
SIR discussion in Lok Sabha: सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में “नए तरीक़े” अपनाए गए और इससे कई समाजों को नुकसान हुआ।
उनका कहना था कि 2023 और 2025 में किए गए मैपिंग अभ्यास में दलित और मुस्लिम समुदायों को गलत तरीके से प्रभावित किया गया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कई बूथों पर ‘बूथ कैप्चरिंग’ जैसे हालात रहे और लोग पुनर्मतदान की मांग तक नहीं कर पाए।
SIR को ‘तेज़ी से पूरा करने’ पर सवाल
SIR discussion in Lok Sabha: कांग्रेस की ईशा खान चौधरी ने कहा कि सामान्यतः SIR की प्रक्रिया तीन महीने चलती है, लेकिन इस बार इसे “असामान्य तेजी” से पूरा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तेज़ प्रक्रिया पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है।
तकनीकी सुधारों की वकालत — SKM सांसद
SKM सांसद इंद्रा हैंग सुब्बा ने EVM और VVPAT जैसे सुधारों का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को तकनीक का उपयोग जारी रखना चाहिए, लेकिन छोटे राज्यों के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए।
राज्यसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा
दूसरी ओर, राज्यसभा में आज वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा की गई।
शिवसेना (उभा) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि लोगों को सही इतिहास समझना चाहिए, ताकि “व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी” से फैली गलतफहमियाँ दूर हों।
राजीव प्रताप रूडी का पलटवार — ‘बिहार में एक भी रीपोल नहीं’
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि 1990 में चुनावों में एक चुनाव के कई रीपोल हुआ करते थे, लेकिन आज बिहार में एक भी रीपोल नहीं हुआ, जो चुनाव आयोग की निष्पक्षता साबित करता है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष “अदृश्य वोटरों” पर भरोसा कर बैठा था, इसी कारण वह हार गया।
चंद्रशेखर आज़ाद की चिंता — ‘BLO भारी दबाव में’
आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि BLO कर्मियों पर भारी दबाव है और जिनकी ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई, उनके परिवारों को नौकरी मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि SIR प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों को “पिछे ले जाने” जैसा लग रही है।
ओवैसी का आरोप — ‘यह NRC का पिछला दरवाज़ा’
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया कि CAA के नियम अचानक अब क्यों बनाए जा रहे हैं, जब ड्राफ्ट मतदाता सूची में तीन लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं।
उन्होंने SIR को “NRC का बैकडोर संस्करण” बताया और जर्मनी की तरह दो वोटिंग सिस्टम की मांग की।
हरसिमरत कौर बादल—‘देश में चुनाव प्रक्रिया ही साफ नहीं’
SAD सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यदि चुनावी प्रणाली नीचे से ऊपर तक साफ नहीं होगी, तो लोकतंत्र की प्रक्रिया अधूरी रहेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में “पूरी सरकार ही चुरा ली गई” और मतदाताओं की आवाज़ खो गई है।
