रायपुर, 10 दिसंबर 2025।
Rakshak Course Child Rights: छत्तीसगढ़ में बाल अधिकार संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के बीच “रक्षक पाठ्यक्रम” के लिए एमओयू संपन्न हुआ।
यह पहल अपने आप में अनूठी है, क्योंकि यह देश का पहला ऐसा शैक्षणिक नवाचार है जो बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में संरचित और विशेषज्ञ प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह एमओयू Rakshak Course Child Rights को औपचारिक रूप से शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव है।
मुख्यमंत्री ने कहा– “रक्षक पाठ्यक्रम युवाओं को सही दिशा देगा”
Rakshak Course Child Rights: एमओयू कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह पाठ्यक्रम न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर देगा, बल्कि उन्हें बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति संवेदनशील भी बनाएगा।
उन्होंने कहा, “कई बच्चे भूलवश गलत राह पकड़ लेते हैं। इन बच्चों को सही दिशा देने की जिम्मेदारी हम सभी की है। ‘रक्षक पाठ्यक्रम’ इस दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करेगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित कई जन-कल्याणकारी गारंटी पूरी कर ली हैं। किसानों को बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना तथा सबके लिए आवास—ये सभी कदम सुशासन की दिशा में निर्णायक सिद्ध हुए हैं।
“Rakshak Course Child Rights” को तैयार करने वाली टीम को सराहना
Rakshak Course Child Rights: मुख्यमंत्री साय ने आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा और उनकी टीम को पाठ्यक्रम को रिकॉर्ड समय में तैयार करने और विभिन्न विश्वविद्यालयों में लागू करने के लिए बधाई दी। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए भविष्य बदलने वाला प्रयास बताया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने पाठ्यक्रम को बताया मील का पत्थर
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है।
उन्होंने कहा, “भिक्षावृत्ति, परित्यक्त बच्चों का पुनर्वास और संवेदनशील मामलों का समाधान—इन सभी क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवाओं की आवश्यकता है। यह पाठ्यक्रम आने वाले वर्षों में एक मील का पत्थर साबित होगा।”

उच्च शिक्षा मंत्री ने इसे ऐतिहासिक पहल बताया
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि यह पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को इस नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए बधाई दी।
किन विश्वविद्यालयों में शुरू होगा एक वर्षीय पाठ्यक्रम
यह एक वर्षीय स्नातकोत्तर “पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड राइट्स एंड प्रोटेक्शन” निम्न विश्वविद्यालयों में प्रारंभ होगा–
- पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर
- संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा
- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर
- आंजनेय विश्वविद्यालय, रायपुर
- एमिटी विश्वविद्यालय, रायपुर
- श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई-दुर्ग
क्या है रक्षक पाठ्यक्रम?
राज्य में पहली बार ऐसा पाठ्यक्रम बनाया गया है जो युवाओं को बाल अधिकार संरक्षण से जुड़ी विधिक प्रक्रियाओं, योजनाओं, विभागीय ढाँचों और प्रायोगिक कार्यप्रणालियों का प्रशिक्षण देगा।
Rakshak Course Child Rights युवाओं में–
- संवेदनशीलता
- जागरूकता
- और बच्चों के अधिकारों की गहरी समझ
जैसी आवश्यक क्षमताएं विकसित करेगा। आयोग इस पाठ्यक्रम के संचालन, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की पूरी सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराएगा।
कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, विभागीय अधिकारी और प्रशासनिक प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक एमओयू को छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय बताया।
