सूरजपुर में हाथी का हमला: प्रवासी मजदूर परिवार पर कहर, 40 दिन के मासूम की मौत

Surajpur elephant attack। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर वन परिक्षेत्र में सोमवार देर रात दिल दहला देने वाली घटना घटी। धरमपुर चिकनी गांव में गुड़ फैक्ट्री के पास अस्थायी झोपड़ी में सो रहे एक प्रवासी मजदूर परिवार पर एक भटके हुए हाथी ने हमला कर दिया। इस हमले में 40 दिन के मासूम बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई।

परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और स्थानीय गुड़ फैक्ट्री में मजदूरी करता है। गांव में सुबह से ही भारी दहशत और शोक का माहौल है।


🔹 आधी रात आया भटका हुआ हाथी, झोपड़ी को रौंद डाला

Surajpur elephant attack: जानकारी के अनुसार, रात करीब 1 बजे सोनगरा जंगल की दिशा से एक अकेला हाथी दल से भटककर क्षेत्र में पहुंचा। बताया गया कि हाथी संभवतः गुड़ फैक्ट्री से उठने वाली गंध से आकर्षित होकर परिसर तक चला आया।

फैक्ट्री के करीब मजदूर ज्ञानी अपनी पत्नी और नवजात बच्चे के साथ अस्थायी झोपड़ी में रह रहा था। तभी अचानक हाथी ने झोपड़ी को तोड़ना शुरू कर दिया।

जीवित बचने के प्रयास में दंपती किसी तरह भाग निकले, लेकिन अफरातफरी में महिला गिरकर घायल हो गई। इसी दौरान 40 दिन का मासूम बच्चा हाथी के हमले की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।


🔹 ग्रामीणों में दहशत, कहा — हादसा रोका जा सकता था

Surajpur elephant attack: घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में हाथियों की आवाजाही इन दिनों लगातार बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जा रहे।

लोगों का यह भी कहना है कि अगर मजदूर परिवार को समय रहते सुरक्षित स्थान पर भेजा जाता, तो यह हादसा टल सकता था।


🔹 लापरवाही का आरोप, फैक्ट्री प्रबंधन पर उठे सवाल

Surajpur elephant attack: सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में हाथी की मौजूदगी को लेकर पहले ही मुनादी कराई गई थी, जिसकी जानकारी गुड़ फैक्ट्री प्रबंधन और मैनेजर पैकरा को भी थी।

इसके बावजूद मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर नहीं ले जाया गया, जिससे यह दुखद हादसा हो गया। वन विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही बताया है।


🔹 पीड़ित परिवार को 25 हजार की तत्काल सहायता

Surajpur elephant attack: वन विभाग ने राहत के तौर पर पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये की तत्काल सहायता राशि प्रदान की है। घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है।


✔️ मानव-वन्यजीव संघर्ष का गंभीर संकेत

Surajpur elephant attack: सूरजपुर और आसपास के वन क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से हाथियों की गतिविधि बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए

  • स्थायी सुरक्षा उपाय,
  • बेहतर निगरानी,
  • और प्रवासी मजदूरों तथा ग्रामीणों के लिए सुरक्षित आवास की व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है।

यह घटना वन विभाग, उद्योग प्रबंधन और प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

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