2017 सेक्सुअल असॉल्ट केस: केरल कोर्ट में पुलसर सुनी दोषी, अभिनेता दिलीप बरी—8 साल पुराने मामले पर बड़ा फैसला

केरल के बहुचर्चित Kerala 2017 sexual assault case में आठ साल बाद बड़ा मोड़ आया है। एर्नाकुलम स्थित अतिरिक्त विशेष सत्र अदालत (SPE/CBI–III) ने शनिवार को प्रमुख आरोपी पुलसर सुनी को दोषी करार दिया, जबकि मलयालम अभिनेता दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया। यह फैसला उसी केस से जुड़ा है जिसने 2017 में पूरे देश को झकझोर दिया था।

पुलसर सुनी पर रेप का दोष सिद्ध, बाकी आरोपियों को भी सज़ा का इंतज़ार

Kerala 2017 sexual assault case: स्पेशल जज हनी एम वर्गीज़ ने सुनी को रेप का दोषी पाया। इसके अलावा मार्टिन एंटनी (A2), मणिकंदन (A3), वीजेश वीपी (A4), सलीम एच (A5) और प्रदीप (A6) को भी दोषी ठहराया गया। इन सभी पर आईपीसी की धाराओं 120B, 354, 366, 354B और 376D के तहत सज़ा तय होगी।

इन आरोपियों को IT एक्ट की धाराओं 66E और 67A के तहत भी दोषी पाया गया, क्योंकि उन्होंने हमले के दौरान Survivor का वीडियो रिकॉर्ड किया था।

दिलीप बरी—सबसे बड़ा विवादित पहलू

Kerala 2017 sexual assault case: अभिनेता दिलीप पर आरोप था कि उन्होंने बदला लेने की नीयत से इस हमले की साजिश रची। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया। इससे Survivor पक्ष और फिल्म इंडस्ट्री के कई हिस्सों में निराशा और गहरा असंतोष सामने आया है।

2017 से 2025—आठ साल की लंबी कानूनी लड़ाई

17 फरवरी 2017 की वह रात आज भी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की यादों में दर्ज है। कोच्चि में चलती कार में एक महिला अभिनेता का अपहरण कर उसके साथ यौन हमला किया गया था।
कुछ दिनों बाद पुलसर सुनी गिरफ्तार हुआ और धीरे-धीरे मामला साजिश की दिशा में आगे बढ़ा। जुलाई 2017 में दिलीप को भी आरोपी बनाया गया।

हालाँकि, इस केस की सुनवाई लगातार बाधित होती रही—

  • कई गवाह पलट गए
  • डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप लगे
  • हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लगातार याचिकाएँ दाखिल होती रहीं
  • राज्य सरकार ने भी 2024 में अदालत में दावा किया कि दिलीप ट्रायल में देरी करवा रहे हैं

2024 में सुप्रीम कोर्ट ने लंबी ट्रायल अवधि देखते हुए पुलसर सुनी को ज़मानत दे दी थी।

200 से ज़्यादा गवाह, लंबा ट्रायल और Survivor की लगातार लड़ाई

ट्रायल का अंतिम चरण बेहद कठिन था। 200 से अधिक गवाहों ने बयान दिए और डिजिटल व फॉरेंसिक सबूतों की लंबी जांच की गई। Survivor ने महिला जज की मांग की थी, जिसके बाद 2019 में हनी एम वर्गीज़ को केस सौंपा गया। हालांकि, उनके खिलाफ पक्षपात के आरोप भी लगे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

फिल्म इंडस्ट्री पर केस का बड़ा असर

इस केस ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के भीतर की पितृसत्ता, सत्ता के दुरुपयोग और महिला कलाकारों की असुरक्षा पर बड़ी बहस शुरू की।
इसी संघर्ष से Women in Cinema Collective (WCC) बना। WCC के प्रयासों से 2019 में हेमा कमेटी का गठन हुआ, जिसने इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न और भेदभाव की जांच की।

रिपोर्ट 2024 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद सार्वजनिक हुई और इसके तुरंत बाद इंडस्ट्री में नए सिरे से #MeToo आंदोलन की लहर उठ गई।

अब आगे क्या?

पुलसर सुनी और अन्य दोषियों की सजा पर अगली सुनवाई जल्द होगी। हालांकि, दिलीप की बरी होने से कई सवाल अनुत्तरित रह गए हैं—
क्या साजिशकर्ता कभी सामने आएगा?
Survivor की आठ साल लंबी लड़ाई क्या अब भी पूरी मानी जा सकती है?

लेकिन एक बात साफ है—Kerala 2017 sexual assault case ने देशभर में चर्चा को बदला है और महिलाओं की सुरक्षा पर फिर से रोशनी डाली है।

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