Solar Model Village in Raigarh, 06 दिसंबर 2025/ केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना अब रायगढ़ जिले में एक नई पहचान बनाने जा रही है। जिले में एक ऐसा गांव विकसित किया जाएगा, जो पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित होगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने औपचारिक रूप से चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैठक में निर्णय लिया गया कि केवल उन गांवों को प्रतिस्पर्धा में शामिल किया जाएगा, जिनकी जनसंख्या 5 हजार से अधिक है।
🏡 10 गांव होंगे प्रतिस्पर्धा में शामिल
चूंकि जिले में इस श्रेणी के गांव सीमित संख्या में हैं, इसलिए प्रशासन ने सर्वाधिक आबादी वाले 10 गांवों को छह माह की प्रतिस्पर्धा में शामिल करने का निर्णय लिया है।
ये चयनित गांव इस प्रकार हैं—
- कुडुमकेला (घरघोड़ा)
- तमनार (तमनार)
- खैरपुर (रायगढ़)
- विजयनगर (धरमजयगढ़)
- तराईमाल (तमनार)
- गहनाझरिया (लैलूंगा)
- गढ़मरिया (पुसौर)
- छाल (धरमजयगढ़)
- सिसरिंगा (पुसौर)
- कोडातराई (पुसौर)
इन्हीं गांवों में से एक गांव Solar Model Village in Raigarh बनने का गौरव प्राप्त करेगा।
⚡ मुख्यमंत्री के निर्देशों से बढ़ी रफ्तार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार को प्राथमिकता देते हुए जिलों को लगातार कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उद्देश्य है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर सौर ऊर्जा लक्ष्य को धरातल पर उतारना।
🔆 6 माह की प्रतिस्पर्धा: गांवों में जागरूकता और सौर संयंत्र स्थापना
आने वाले छह महीनों तक इन गांवों में—
- सौर ऊर्जा का प्रचार-प्रसार
- घरेलू एवं सामुदायिक सौर संयंत्रों की स्थापना
- योजनाओं के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करना
- जनजागरूकता अभियान
- संसाधनों की सतत समीक्षा
जैसी गतिविधियाँ लगातार चलेंगी।

👥 प्रत्येक गांव में बनेगी ‘आदर्श ग्राम समिति’
इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए गांवों में एक आदर्श ग्राम समिति गठित की जाएगी। इसमें—
सरपंच, सचिव, जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, डॉक्टर, कृषि विस्तार अधिकारी और अन्य शासकीय अधिकारी सदस्य होंगे।
यह समिति डोर-टू-डोर जाकर ग्रामीणों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
साथ ही ग्रामीणों को इन योजनाओं की जानकारी दी जाएगी—
- पीएम कुसुम योजना
- जल जीवन मिशन के सोलर डुअल पंप
- सोलर स्ट्रीट लाइट
- सोलर हाईमास्ट
- अन्य नवीकरणीय ऊर्जा प्रावधान
🔧 गांव खुद बनाएंगे सामुदायिक सौर संयंत्र के प्रस्ताव
क्रेडा के सहायक अभियंता विक्रम वर्मा ने बताया कि प्रतिस्पर्धा अवधि में प्रत्येक गांव अपनी जरूरत के अनुसार सामुदायिक सौर संयंत्रों के प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन को सौंपेगा।
📝 छह माह बाद होगा अंतिम मूल्यांकन
6 माह पूर्ण होने पर जिला स्तरीय समिति इन मानकों पर गांवों का मूल्यांकन करेगी—
- स्थापित सौर संयंत्रों की संख्या
- योजनाओं के लिए ग्रामीणों द्वारा किए गए आवेदन
- सामुदायिक सहभागिता
- उपलब्ध ऊर्जा सुविधाएं
- सौर संसाधनों का उपयोग
मूल्यांकन के बाद जिले के पहले सोलर मॉडल विलेज का चयन किया जाएगा। इसके बाद चयनित गांव का विस्तारपूर्वक डीपीआर तैयार कर 15 मार्च 2025 तक ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को भेजा जाएगा।
