भिलाई।
usury gang busted: दुर्ग जिले में सुदखोरी का एक बड़ा और संगठित नेटवर्क उजागर हुआ है। भिलाई भट्ठी थाना पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक सेवानिवृत्त बीएसपी कर्मचारी के साथ हुई गंभीर वसूली की घटना ने पूरे इलाके में चिंता बढ़ा दी है।
यह मामला तेजी से सुर्खियों में आ रहा है और usury gang busted in Durg विषय जिलेभर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
📍 3 लाख के बदले 10 लाख रुपये जबरन वसूले
usury gang busted: मामला तब सामने आया जब एक सेवानिवृत्त बीएसपी कर्मचारी ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
पीड़ित ने बताया कि उसने घरेलू जरूरतों के लिए 3 लाख रुपये की उधारी ली थी। यह राशि प्रदीप नायक और उसके साथियों के माध्यम से जयदीप सिंह से दिलवाई गई थी। पैसे देने से पहले आरोपियों ने पीड़ित से—
- प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक के 5 ब्लैंक चेक
- 2 एग्रीमेंट पेपर पर हस्ताक्षर
लेकर उन्हें अपने पास रख लिया था।
चार महीने बाद जून 2025 में पीड़ित ने ब्याज सहित पूरी राशि लौटा दी थी, लेकिन इसके बाद भी यह गैंग लगातार अवैध ब्याज की मांग करता रहा और चेक तथा दस्तावेज लौटाने से इनकार कर दिया।
📍 रिटायरमेंट के दिन ही दबाव बनाकर वसूली
घटना का सबसे गंभीर हिस्सा यह था कि—
30 नवंबर 2025 को पीड़ित बीएसपी से सेवानिवृत्त हुआ।
3 दिसंबर 2025 को वह अपनी पत्नी के साथ बैंक में रिटायरमेंट की रकम ट्रांसफर करने गया।
इसी दौरान जयदीप सिंह, कृष्णा रेड्डी, प्रदीप नायक सहित 8–10 लोग बैंक में आ धमके।
वे पीड़ित और उसकी पत्नी को गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे।
धमकी और दबाव डालकर—
- 9 लाख रुपये आरटीजीएस
- 1 लाख रुपये नकद
यानी कुल 10 लाख रुपये अपने परिचित के खाते में जमा करा लिए।
यह तथ्य पुलिस को भी हिला देने वाला था।
📍 पुलिस ने बरामद किए ब्लैंक चेक और महत्वपूर्ण दस्तावेज
जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों से—
- कई ब्लैंक चेक,
- एग्रीमेंट दस्तावेज,
- पीड़ित के हस्ताक्षरित अन्य कागजात
बरामद किए हैं।
यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि गैंग लंबे समय से सुदखोरी का जाल चलाता रहा है।
📍 तीन आरोपी गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी
पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम—
- ओमप्रकाश (57 वर्ष), सेक्टर–7
- प्रदीप नायक (38 वर्ष), सेक्टर–1
- एम. कृष्णा रेड्डी (28 वर्ष), तालपुरी
मुख्य आरोपी जयदीप सिंह सहित कई अन्य अभी भी फरार हैं।
पुलिस का मानना है कि पूछताछ में अन्य पीड़ितों और वसूली के कई नए मामले सामने आ सकते हैं।
निष्कर्ष
दुर्ग में उजागर हुआ यह मामला न केवल एक परिवार की पीड़ा को सामने लाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सुदखोरी का जाल किस तरह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है।
भिलाई भट्ठी पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर usury gang busted in Durg को धर दबोचा है, लेकिन अभी भी इस गैंग के कई सदस्य पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
