Largest tribe in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध जनजातीय विरासत के लिए जाना जाता है। यहां की वादियों, जंगलों और पहाड़ियों के बीच कई जनजातियां रहती हैं, जिनकी अपनी अलग पहचान, भाषा, परंपरा और खान-पान की संस्कृति है। इन्हीं में से गोंड जनजाति को छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी जनजाति माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह समुदाय राज्य की कुल आबादी का लगभग 20% हिस्सा है, जो इसे सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। इस लिहाज से Largest tribe in Chhattisgarh का उत्तर स्पष्ट रूप से गोंड जनजाति ही है।
📍 गोंड क्यों हैं छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी जनजाति?
Largest tribe in Chhattisgarh: गोंड जनजाति केवल छत्तीसगढ़ में ही नहीं, बल्कि भारत की भी प्रमुख और बड़ी जनजातियों में शामिल है। यह जनजाति संख्या के लिहाज से राज्य की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति है। उनकी आबादी का व्यापक फैलाव छत्तीसगढ़ के demographic landscape को आकार देता है।
📍 उनका मुख्य केंद्र: बस्तर
Largest tribe in Chhattisgarh: गोंड समुदाय का सबसे बड़ा बसेरा बस्तर क्षेत्र है। यहां के जंगल, पहाड़ और नदियां इस जनजाति की संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, समय के साथ गोंड लोग रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोरबा, राजनांदगांव जैसे जिलों में भी बड़ी संख्या में बस गए हैं। इस व्यापक उपस्थिति ने इन्हें राज्य के सामाजिक ढांचे का अभिन्न हिस्सा बना दिया है।

📍 ‘कोया’ और ‘कोयतोर’: पहचान का अर्थ
Largest tribe in Chhattisgarh: गोंड समुदाय खुद को अक्सर ‘कोया’ या ‘कोयतोर’ कहकर पुकारता है। यह शब्द उनके लिए सिर्फ नाम नहीं, बल्कि पहचान भी है। इन शब्दों का अर्थ “मनुष्य” या “पर्वतवासी मनुष्य” माना जाता है। यह परिभाषा उनके प्रकृति-आधारित जीवन, जंगलों से जुड़ाव और पहाड़ी क्षेत्रों में बसे पारंपरिक घरों की ओर संकेत करती है।
📍 इतिहास जो आज भी जीवित है
Largest tribe in Chhattisgarh: इतिहासकारों का मानना है कि गोंड जनजाति मध्य भारत की सबसे पुरानी और सबसे अधिक आबादी वाली जनजातियों में से एक रही है। सदियों से यह समुदाय जंगलों की रक्षा करता आया है और उसी प्रकृति-आधारित जीवनशैली को आज भी बनाए हुए है। उनका लोकनृत्य, पारंपरिक गीत, प्राकृतिक रंगों से बनी कलाकृतियां और सामुदायिक जीवन शैली छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को और भी जीवंत बनाती है।
📍 क्यों महत्वपूर्ण है गोंड जनजाति?
- राज्य की सबसे बड़ी जनजाति होने से इनका सामाजिक योगदान व्यापक है।
- वन संरक्षण और पारंपरिक कृषि पद्धतियों में उनकी भूमिका अहम है।
- गोंड समाज की कला, कहानियां और त्योहार राज्य की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाते हैं।
- राज्य के विकास, राजनीति और स्थानीय नेतृत्व में उनकी सक्रिय भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

छत्तीसगढ़ की आदिवासी पहचान में गोंड जनजाति एक मजबूत स्तंभ के रूप में खड़ी है। उनकी विशाल जनसंख्या, परंपराएं और प्रकृति से जुड़ा जीवन उन्हें न केवल राज्य की, बल्कि पूरे भारत की महत्वपूर्ण जनजातियों में शामिल करता है। इसीलिए Largest tribe in Chhattisgarh की बात आते ही सबसे पहले गोंड जनजाति का नाम सामने आता है।
