अमित बघेल गिरफ्तार: आत्मसमर्पण की कोशिश के बीच कार्रवाई, समर्थकों का रोड जाम—सुप्रीम कोर्ट की फटकार भी चर्चा में

Amit Baghel arrest: रायपुर में गुरुवार की सुबह एक नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे कथित आपत्तिजनक बयानबाजी मामले में स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे। यह घटनाक्रम थाने के गेट से महज 20 मीटर दूर हुआ, जिससे उनके समर्थकों में नाराज़गी फैल गई।


थाने के बाहर नाटकीय गिरफ्तारी, समर्थक बोले—“इतनी जल्दी क्या थी?”

Amit Baghel arrest: बघेल के समर्थकों के अनुसार, वे बिना किसी प्रतिरोध के थाने पहुंचे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें अचानक घेरकर कस्टडी में ले लिया।
वहीं पुलिस का कहना है कि यह एक कानूनी और मानक प्रक्रिया के तहत की गई गिरफ्तारी थी।

गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

इसके बीच एक मानवीय पहलू भी सामने आया—शुक्रवार को उनकी मां का निधन हो गया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अस्थायी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की।


दो घंटे जाम में फंसा शहर, पुलिस ने खोला एक रास्ता

Amit Baghel arrest: बघेल की गिरफ्तारी की ख़बर आग की तरह फैली। कुछ ही देर में उनके समर्थक आमापारा G रोड पर दोनों तरफ़ से बैठकर जाम लगाने लगे।
करीब दो घंटे तक शहर का ट्रैफिक ठप रहा।

पुलिस के लगातार प्रयासों के बाद एक लेन खोली गई और धीरे-धीरे आवाजाही सुचारू हो सकी। अदालत परिसर के बाहर भी भारी सुरक्षा, बैरिकेडिंग और कैमरों की तैनाती की गई थी, क्योंकि प्रशासन को विरोध की आशंका पहले से थी।


26 दिनों से फरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था—“अपनी ज़ुबान संभालो”

अमित बघेल पिछले 26 दिनों से फरार थे।

26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी—
“अपनी ज़ुबान पर काबू रखिए।”

शीर्ष अदालत ने उन्हें देशभर के उन 12 राज्यों में कानून का सामना करने का निर्देश दिया, जहां उनके खिलाफ FIR दर्ज हैं।

24 नवंबर की सुनवाई में कोर्ट ने यहां तक कहा था—
“पुलिस आपको अलग-अलग राज्यों में ले जाएगी, पूरे देश का भ्रमण कीजिए।”


पूरा विवाद क्या है? आपत्तिजनक टिप्पणी से भड़का मामला

Amit Baghel arrest: 27 अक्टूबर को अमित बघेल ने कथित तौर पर अग्रसेन महाराज और झूलेलाल को लेकर टिप्पणी की थी, जिनका सम्मान क्रमशः अग्रवाल और सिंधी समुदाय में अत्यधिक है।
बयान के बाद भारी नाराज़गी फैली और कई जगह प्रदर्शन हुए।

इसके बाद रायपुर के सिटी कोतवाली थाना में FIR दर्ज की गई।


माहौल पहले से तनावपूर्ण—एक दिन पहले हुई थी मूर्ति तोड़फोड़

Amit Baghel arrest: यह विवाद और बढ़ा क्योंकि 26 अक्टूबर को रायपुर के VIP चौक पर लगी छत्तीसगढ़िया माटी की महतारी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
अगले दिन क्रांति सेना ने इसका विरोध किया, जहाँ पुलिस से झड़पें भी हुईं।

बघेल की बाद की बयानबाजी ने इस तनाव को और उभारा।

यह प्रतिमा 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्थापित कराई गई थी और इसे राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है।


माहौल अब भी गर्म, लेकिन कानून की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है

इस पूरे विवाद के बीच Amit Baghel arrest लगातार सुर्खियों में है।
अब पुलिस रिमांड, कोर्ट की कार्यवाही और राज्यभर में हो रहे विरोध के बीच अगला कदम क्या होगा, इस पर सभी की नजर टिकी हुई है।

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