भारत-रूस शिखर बैठक 2025: रक्षा सहयोग, ऊर्जा सौदे और अमेरिकी दबाव के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती

India Russia Summit 2025: आज होने वाली 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक ऐसे समय में आयोजित हो रही है, जब वैश्विक राजनीति में तेजी से बदलाव आ रहे हैं और भारत को ऊर्जा, रक्षा और कूटनीति के हर मोर्चे पर दबाव का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह दौरा न सिर्फ दोनों देशों के बीच वर्षभर से चल रही उच्चस्तरीय वार्ताओं का चरम है, बल्कि ऐसे चरण में हो रहा है जब भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों और बढ़ी हुई टैरिफ दरों के प्रभाव से जूझना पड़ रहा है।

अमेरिकी दबाव के बीच भारत की ऊर्जा रणनीति

India Russia Summit 2025: पिछले कई महीनों से भारत पर अमेरिका द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर तीखा दबाव है। नई दिल्ली पर लगे हालिया तेज़ अमेरिकी टैरिफ ने ऊर्जा आयात को महंगा बना दिया है। यही कारण है कि इस बार होने वाली बैठक में ऊर्जा सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रही है।
रूस ने भारत को तेल खरीद पर अतिरिक्त छूट की पेशकश की है, क्योंकि हालिया हफ्तों में भारत के आयात कम हुए हैं। उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार, यह विषय मोदी–पुतिन वार्ताओं का केंद्रीय हिस्सा रहेगा।

व्यापार असंतुलन पर भारत की कड़ी आपत्ति

भारत-रूस व्यापार में भारी असंतुलन चिंता का विषय बना हुआ है। रूस से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल के आयात ने व्यापार घाटे को व्यापक रूप से बढ़ा दिया है। भारत इस मुद्दे को बैठक में मजबूती से उठाएगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच भुगतान तंत्र और चलन विनिमय को लेकर भी कई तकनीकी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

रक्षा साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी

India Russia Summit 2025: बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष अंदेई बेलोउसव के साथ अहम वार्ता की। बातचीत में रक्षा उत्पादन, तकनीकी साझेदारी और भारतीय सैन्य बलों के आधुनिकीकरण पर दोनों देशों ने सकारात्मक संकेत दिए।
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा कि भारत आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और रूस इसमें एक अहम साझेदार बना रहेगा।
दूसरी ओर, बेलोउसव ने भी भरोसा दिलाया कि रूसी रक्षा उद्योग भारत के लिए “फुल स्केल कोऑपरेशन” देने को तैयार है।

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर भी नजर

India Russia Summit 2025: बैठक में स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) तकनीक पर सहयोग को बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा होगी। ऊर्जा सुरक्षा और टिकाऊ भविष्य की दिशा में भारत इस तकनीक को संभावित विकल्प के रूप में देख रहा है।

कृषि, दवाइयों और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी साझेदारी

India Russia Summit 2025: वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रूस के आर्थिक विकास मंत्री मैकसिम रेशेत्निकोव की बैठक भी मजबूत आर्थिक संबंधों की ओर संकेत करती है। दोनों पक्षों ने खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने पर सहमति जताई।
गोयल ने कहा कि भारत और रूस मिलकर “असीम संभावनाओं के नए द्वार खोलने” के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यूक्रेन युद्ध और वैश्विक कूटनीति पर भी चर्चा

पुतिन भारत को अमेरिका और पश्चिम देशों के नए कदमों के बारे में अवगत कराएंगे। भारत की नीति स्पष्ट है—यूक्रेन संकट का समाधान केवल संवाद और कूटनीति से ही संभव है। यह रुख प्रधानमंत्री मोदी कई बार दोहरा चुके हैं।


India Russia Summit 2025 से यह साफ संदेश जाता है कि बदलते वैश्विक दबावों के बीच भी दोनों देशों की साझेदारी भरोसे, परंपरा और समान रणनीतिक हितों पर टिकी हुई है। ऊर्जा से लेकर रक्षा और न्यूक्लियर तकनीक से व्यापार तक—हर क्षेत्र में इस बैठक से बड़े निर्णय और नए समझौते सामने आने की संभावना है।

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