बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने Chhattisgarh road hooliganism की बढ़ती घटनाओं पर मंगलवार को बेहद कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने राज्य प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सड़क पर होने वाली गुंडागर्दी, स्टंट और यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने की घटनाओं पर सरकार “बेबस और अप्रभावी” नजर आ रही है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभू दत्ता गुरु की खंडपीठ ने अखबारों में प्रकाशित दो हालिया घटनाओं का स्वत: संज्ञान (Suo Moto PIL) लिया।
बिलासपुर स्टंट: कार की छत पर बैठकर “दबदबा दिखाने” वाला युवक
Chhattisgarh road hooliganism: हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान बिलासपुर के रिवर व्यू क्षेत्र की उस घटना का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिसमें एक युवक ने कार की बोनट और छत पर बैठकर स्टंट किया था।
वीडियो में वह यह दावा करते दिखा कि “उस पर कोई हाथ नहीं डाल सकता।”
पुलिस उसकी तलाश कर रही है और वाहन जब्त कर लिया गया है। यह घटना Chhattisgarh road hooliganism का एक और ताजा उदाहरण बन गई, जिसने अदालत को कड़ा रुख अपनाने पर मजबूर किया।
बैकुंठपुर: नेशनल हाइवे पर BMO का जन्मदिन और आतिशबाजी
Chhattisgarh road hooliganism: दूसरी घटना कोरिया जिले के बैकुंठपुर की है। सोनहत के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. अनित बाखला ने नेशनल हाइवे-43 पर ही जन्मदिन मनाते हुए केक काटा और पटाखे फोड़े।
हाईवे पर रुक-रुककर गुजरते वाहनों को इससे भारी असुविधा हुई।
कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि—
“एक सरकारी अधिकारी होते हुए भी उन्होंने राहगीरों की असुविधा की परवाह नहीं की। राज्य सरकार ने वाहन जब्त न कर अत्यधिक नरमी दिखाई।”
“अमीर और प्रभावशाली लोग खुलेआम नियम तोड़ते हैं” — हाईकोर्ट
Chhattisgarh road hooliganism: कोर्ट ने टिप्पणी की कि सड़क पर गुंडागर्दी, स्टंट और हाईवे पर जन्मदिन मनाने जैसे कृत्य अधिकतर “अमीर और प्रभावशाली” लोग करते हैं।
पहले जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बावजूद घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे स्पष्ट है कि नीतियां सिर्फ कागजों में हैं, जमीन पर नहीं।
राज्य सरकार की रिपोर्ट: 14 ऐसे मामले, FIR और जब्ती की कार्रवाई
राज्य की ओर से उपमहाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने कोर्ट को बताया:
- अब तक ऐसी 14 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।
- सभी मामलों में वाहन जब्त किए गए।
- बिलासपुर स्टंट मामले में FIR दर्ज कर वाहन जब्त किया गया।
- बैकुंठपुर मामले में डॉ. बाखला पर BNS 2023 की धाराएं 285, 288 व 3(5) और मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं 122 और 177 के तहत FIR दर्ज हुई।
- उनका वाहन अभी जब्त नहीं हो पाया क्योंकि वे “स्टेशन से बाहर” थे।
कोर्ट ने इस पर भी असंतोष जताया।
हाईकोर्ट की चेतावनी: “स्थिति नहीं सुधरी तो कड़े आदेश देंगे”
Chhattisgarh road hooliganism: कोर्ट ने कहा कि राज्य को सभी ऐसे मामलों में तुरंत और कठोर कार्रवाई करनी होगी, चाहे आरोपी कोई भी हो।
अदालत ने चेतावनी दी:
“यदि राज्य मशीनरी की यह बेबसी जारी रही, तो कोर्ट कठोर निर्देश जारी करने को बाध्य होगा।”
इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव को दोनों घटनाओं पर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर 2025 को तय की गई है।
सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल
इन घटनाओं ने सड़क सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम लोग पहले से ही लापरवाह ड्राइविंग और स्टंट से डरे हुए रहते हैं।
हाईकोर्ट की सख्ती ने नागरिकों को उम्मीद दी है कि अब इस तरह की Chhattisgarh road hooliganism पर लगाम लगेगी।
