सुरजपुरा-सरगुजा में कोयला खनन के विरोध में हिंसा भड़की: 25 पुलिसकर्मी घायल, ग्रामीणों ने पथराव किया

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में बुधवार को Surguja coal mine protest उस समय हिंसक हो गया जब पारसोडी कला गांव के ग्रामीणों ने कोयला खनन का विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव किया। इस घटना में कम से कम 24–25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण SECL के अमेरा एक्सटेंशन कोल प्रोजेक्ट का लगातार विरोध कर रहे थे।

2016 में पूरा हुआ था भूमि अधिग्रहण, लेकिन विरोध जारी

दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण 2016 में पूरा हो चुका था।
लेकिन कई ग्रामीणों ने मुआवजा लेने से इंकार कर दिया और खनन रोकने की कोशिश की।

अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुनील नायक ने बताया कि ग्रामीणों को कई बार समझाया गया कि भूमि अधिग्रहण कानूनी रूप से पूरा हो चुका है और अब SECL अधिकृत गतिविधियाँ चला सकता है।

फिर भी विरोध तेज होता गया और देखते ही देखते स्थिति हिंसक हो गई।

ग्रामीणों का पथराव, पुलिस की आँसू गैस

Surguja coal mine protest: सरगुजा के पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हाथों और स्लिंग से पथराव किया, जिससे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हो गए।

उन्होंने ग्रामीणों द्वारा लाठीचार्ज के आरोपों से इंकार किया, लेकिन यह स्वीकार किया कि भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे।

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें ग्रामीणों का पथराव और पुलिस की कार्रवाई साफ दिखाई दे रही है।

“हमारी जमीन ही हमारा जीवन है” — ग्रामीणों की पीड़ा

Surguja coal mine protest: ग्रामीणों का कहना है कि उनकी खेती योग्य जमीन ही आजीविका का एकमात्र साधन है।
पारसोडी कला की प्रदर्शनकारी लीलावती ने भावुक होकर कहा—
“हम अपनी जमीन क्यों छोड़ें? SECL को कोयला मिल जाएगा, लेकिन हमारा क्या होगा? हमारे बच्चे भीख मांगने को मजबूर हो जाएंगे। पूरी जमीन खदान में जा रही है।”

ग्रामीणों के इस दर्द ने पूरे आंदोलन को और तीव्र कर दिया।

कानूनी रास्ते खुले हैं: प्रशासन

एडीसी सुनील नायक ने कहा कि ग्रामीण चाहें तो कानूनी मार्ग अपनाकर अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन खनन कार्य में बाधा डालना उचित नहीं है।

कांग्रेस का सरकार पर हमला: ‘खनन जबरदस्ती कराया जा रहा है’

Surguja coal mine protest: वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर ग्रामीणों की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा—

“राज्य में सरकार बनने के बाद से आदिवासियों और ग्रामीणों पर दवाब बढ़ा है। बिना सहमति खनन कराया जा रहा है। कई खदानें अडानी समूह को दी गई हैं और वन क्षेत्रों का बड़े पैमाने पर दोहन हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि SECL सहित कई खनन परियोजनाओं को ग्रामीणों की मंजूरी के बिना आगे बढ़ाया गया है, जिससे गुस्सा बढ़ रहा है।

स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में

पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और स्थिति नियंत्रण में है। इस बीच प्रशासन ग्रामीणों से संवाद बढ़ाने की कोशिश कर रहा है ताकि Surguja coal mine protest शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।

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