Sanchar Saathi App पर सियासी तूफान: सरकार बोली—इंस्टॉल करना होगा विकल्प, विपक्ष ने उठाए ‘स्नूपिंग’ के आरोप

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा स्मार्टफोन कंपनियों को Sanchar Saathi app प्री-इंस्टॉल करने के निर्देश ने देश की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। कई विपक्षी नेताओं ने इस फैसले को ‘डिस्टोपियन’ बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार मोबाइल फोन के जरिए नागरिकों पर नज़र रखना चाहती है।

हालाँकि, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कहा कि Sanchar Saathi app पूरी तरह वैकल्पिक होगा और यूज़र इसे कभी भी डिलीट कर सकते हैं।

उनके अनुसार, सरकार का उद्देश्य सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि लोग फर्जी या ब्लैकलिस्टेड हैंडसेट न खरीदें और मोबाइल धोखाधड़ी की शिकायतें आसानी से दर्ज कर सकें।


विपक्ष का आरोप: “निगरानी का नया मॉडल”

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस ऐप को नागरिकों की जासूसी का एक नया माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम देश को “डिक्टेटरशिप” की ओर ले जाता है।

कांग्रेस के ही के.सी. वेणुगोपाल ने इसे “दुष्ट भविष्य की शुरुआत” बताते हुए dystopian tool करार दिया।

उनका दावा है कि तकनीक के नाम पर सरकार निजी जीवन में घुसपैठ कर रही है।


Sanchar Saathi App किन समस्याओं को हल कर सकता है?

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की यह पहल गलत दिशा में नहीं है।
Accops के CEO विजेंदर यादव के मुताबिक:

  • ऐप फर्जी हैंडसेट,
  • ब्लैकलिस्टेड IMEI,
  • और बड़े पैमाने पर होने वाले सिम-बाइंडिंग फ्रॉड जैसे मामलों पर लगभग रोक लगा सकता है।

यह उपाय अपराधियों के लिए बॉट-फार्म चलाना और नकली डिवाइसों से धोखाधड़ी करना काफी मुश्किल बना देगा।

लेकिन वे यह भी मानते हैं कि यह केवल पहली परत है—अंतिम समाधान नहीं।


क्या नहीं रोक पाएगा Sanchar Saathi App?

mFilterIt के CEO अमित रिलन बताते हैं कि यह ऐप कई तरह के घोटालों को रोकने में सक्षम नहीं होगा, जैसे:

  • सिम स्वैप फ्रॉड,
  • सोशल इंजीनियरिंग आधारित धोखाधड़ी,
  • OTP चोरी करने वाले ऐप,
  • मालवेयर और रिमोट एक्सेस टूल,
  • और म्यूल अकाउंट्स, जहाँ असली पहचान का दुरुपयोग होता है।

उनके अनुसार, अपराधियों की तकनीक अब “मल्टी-वेक्टर अटैक” पर आधारित है, जिसे केवल एक ऐप से रोका नहीं जा सकता।


विशेषज्ञों की चेतावनी: अपराधी पहले से ज्यादा तेज़

IDfy के वरिष्ठ प्रोडक्ट मैनेजर निखिल झांजी का कहना है कि अब साइबर अपराधी:

  • डेटा लीक का उपयोग,
  • भरोसेमंद नकली पहचान,
  • और तेज़ तकनीकी हमले

के जरिए पारंपरिक सुरक्षा दीवारों को चकमा दे रहे हैं।

उनके शब्दों में, “Sanchar Saathi app मोबाइल पहचान की खामियों को उजागर करता है और बताता है कि हमें और मज़बूत सुरक्षा परतों की जरूरत है।”


निचोड़: Sanchar Saathi App उपयोगी है, लेकिन पर्याप्त नहीं

सरकार का दावा है कि ये नए दिशानिर्देश टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाए गए हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं:

  • यह ऐप बेसिक फ्रॉड रोकने में मदद करेगा,
  • लेकिन स्मार्ट अपराधियों के लिए अब भी कई खुली खिड़कियाँ हैं।

भविष्य में साइबर सुरक्षा को मज़बूत बनाने के लिए
अधिक एकीकृत, तेज़ और पहचान-आधारित सुरक्षा उपायों की ज़रूरत होगी।

विवाद भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन ऐप ने एक बार फिर दिखा दिया है कि भारत की मोबाइल सुरक्षा प्रणाली में सुधार की कितनी गुंजाइश बाकी है।

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