Ek Bharat Shreshtha Bharat celebration: रायपुर, 02 दिसंबर 2025।
राजभवन आज विभिन्न रंगों, परंपराओं और सांस्कृतिक विविधता से जगमगा उठा। राज्यपाल श्री रमेन डेका की मुख्य आतिथ्य में कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और पुडुचेरी का स्थापना दिवस उत्साह, सम्मान और सौहार्द के साथ मनाया गया। यह विशेष आयोजन Ek Bharat Shreshtha Bharat celebration के spirit को मजबूती से सामने लाया।
“विविधता हमें एक सूत्र में पिरोती है”—राज्यपाल रमेन डेका
समारोह के दौरान राज्यपाल ने कहा कि भाषाओं, वेशभूषा, खान-पान, कला और परंपराओं की विविधता के बावजूद हमारी आत्मा एक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत की यह अनोखी विविधता ही उसे दुनिया में अद्वितीय बनाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ Ek Bharat Shreshtha Bharat celebration अभियान देश की सांस्कृतिक समृद्धि को राष्ट्रीय एकता की डोर में बांधने का सशक्त माध्यम बन चुका है।
हर राज्य की विशेषता बनी मंच की पहचान
राज्यपाल डेका ने छह राज्यों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक विशेषताओं का विस्तार से उल्लेख किया।
कर्नाटक:
उन्होंने बताया कि कर्नाटक प्राचीन विरासत और आधुनिक तकनीक का अनूठा संगम है। विजय नगर साम्राज्य ने जहाँ स्थापत्य और कला को ऊँचाई दी, वहीं आज बेंगलुरु भारत का आईटी हब बन चुका है।
तमिलनाडु:
तमिलनाडु को द्रविड़ सभ्यता का केंद्र बताया गया। संगम साहित्य, तिरुक्कुरल, भरतनाट्यम और विश्वप्रसिद्ध मंदिर स्थापत्य ने भारतीय ज्ञान परंपरा को समृद्ध किया है।
दिल्ली:
दिल्ली को भारत का दिल बताते हुए उन्होंने कहा कि लाल किला, कुतुब मीनार, संसद भवन और इंडिया गेट हमारे गौरव की धरोहर हैं।

उत्तराखंड और छत्तीसगढ़:
राज्यपाल ने कहा कि दोनों राज्यों की स्थापना साथ हुई थी। दोनों में प्रकृति, जंगल, नदियों और ग्रामीण जीवन का संतुलन समान रूप से दिखाई देता है। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास इनकी साझा चुनौतियाँ हैं।
पुडुचेरी और लक्षद्वीप:
पुडुचेरी का फ्रांसीसी स्थापत्य, तटों की सुंदरता और ऐतिहासिक व्यापार संबंध इसे खास बनाते हैं। वहीं लक्षद्वीप की जैव विविधता, नीला समुद्र और प्रकृति के साथ संतुलित जीवनशैली आज के पर्यावरण संकट में प्रेरणा देती है।
“विविधता ही भारत की असली शक्ति”—राज्यपाल का आह्वान
राज्यपाल डेका ने कहा कि इन प्रदेशों का योगदान ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि हर व्यक्ति ऐसा कार्य करे जिसमें मानव सेवा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मूल्य निहित हों।
छात्र-छात्राओं ने दी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
समारोह में विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने लोक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित शानदार प्रस्तुतियाँ दीं।
इनमें—
- कर्नाटक का यक्षगान,
- तमिलनाडु का लोकनृत्य,
- दिल्ली का पंजाब फोक,
- उत्तराखंड का गौपति नृत्य,
- लक्षद्वीप का छड़ी नृत्य,
- और पुडुचेरी का गरडी नृत्य
—सभी कार्यक्रमों ने उपस्थित अतिथियों का मन मोह लिया।
सम्मान-सम्मान का सुंदर आदान-प्रदान
कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को राजकीय गमछा और स्मृति चिन्ह भेंट किए। वहीं प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने प्रदेश की ओर से राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
समारोह में विधायक पुरंदर मिश्रा, महापौर मीनल चौबे, डॉ. सी.आर. प्रसन्ना सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, युवा, महिलाएँ और नागरिक उपस्थित रहे। राजभवन में आयोजित यह Ek Bharat Shreshtha Bharat celebration सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता का प्रेरक संदेश देकर सम्पन्न हुआ।
