टीम इंडिया के भीतर चल रहा Kohli vs Gambhir एक बार फिर सुर्खियों में है। विराट कोहली और मुख्य कोच गौतम गंभीर के बीच लंबे समय से चली आ रही अनबन अब ऐसे मोड़ पर पहुंच रही है जिसने भारतीय क्रिकेट की शांति, माहौल और मनोबल—तीनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले दोनों सितारों की कहानी नई नहीं है। IPL के दौरान हुए विवाद, तीखी प्रतिक्रियाएं और मंच से मंच तक फैली बयानबाज़ी ने हमेशा सोशल मीडिया को गर्म रखा है। लेकिन इस बार हालात सिर्फ विवाद तक सीमित नहीं हैं; कहानी अब कहीं अधिक गंभीर दिखाई देती है।
ऑनलाइन नफरत से बढ़ी चिंता
Kohli vs Gambhir: रिपोर्ट्स के अनुसार, सोशल मीडिया पर गंभीर को अभूतपूर्व स्तर की नफरत, निजी हमले और आक्रामक टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि BCCI ने भी इस वातावरण को लेकर चिंता जताई है। बोर्ड मानता है कि भारतीय टीम के मुख्य कोच पर इस तरह का हमला बेहद अनुचित है, खासकर तब जब टीम एक संक्रमण काल से गुजर रही है।
ड्रेसिंग रूम में ठंडा माहौल
Kohli vs Gambhir: सूत्रों के मुताबिक, ODI टीम में गंभीर और वरिष्ठ खिलाड़ियों—खासकर विराट कोहली व रोहित शर्मा—के बीच संबंध “ठंडे” पड़ चुके हैं। हाल के टेस्ट रिटायरमेंट्स, प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूरी और मैदान के बाहर कम बातचीत ने इस आशंका को और मजबूत किया है कि टीम के भीतर संवाद की कमी बढ़ रही है।
पिछले कुछ दौरे और मैचों में कोहली और गंभीर के बीच लगभग “नो-इंटरैक्शन” की स्थिति देखी गई। यह माहौल टीम के युवा खिलाड़ियों पर भी प्रभाव डाल सकता है, जो मजबूत नेतृत्व और शांत वातावरण की उम्मीद रखते हैं।
गंभीर का पेशेवर रुख
Kohli vs Gambhir: हालांकि सोशल मीडिया पर गंभीर को अकसर कोहली के ‘विरोधी’ रूप में दिखाया जाता है, लेकिन उनके बयानों और पोस्टों में कोहली व रोहित के प्रति सम्मान साफ झलकता है। कोहली के टेस्ट रिटायरमेंट के बाद गंभीर की पोस्ट बेहद भावनात्मक और सम्मानजनक थी।
गंभीर हमेशा टीम को व्यक्ति से ऊपर रखने की बात कहते हैं, और उनका लक्ष्य भारतीय क्रिकेट को लगातार बेहतर बनाना है।
वास्तविक नुकसान किसे?
सच्चाई यह है कि इस पूरे Kohli vs Gambhir में असली नुकसान किसी खिलाड़ी का नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट का होने वाला है। कोहली और रोहित दोनों अभी भी शानदार फॉर्म में हैं और 2027 ODI विश्व कप तक खेल सकते हैं। ऐसे में उनके अनुभव और गंभीर की रणनीतिक सोच का एक साथ चलना टीम इंडिया के लिए आवश्यक है।
लेकिन लगातार बढ़ता बाहरी शोर, मीडिया हाइप और सोशल मीडिया ड्रामा टीम के माहौल को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगर यह कहानी यूं ही बढ़ती रही, तो इसका खामियाजा पूरी टीम को भुगतना पड़ सकता है।
समाप्ति—एकता ही समाधान
अब समय आ गया है कि कोहली और गंभीर के बीच चल रही यह कथा खत्म हो। भारतीय क्रिकेट की सफलता के लिए टीम को एकजुट रहना होगा, क्योंकि अगर तनाव गहराया, तो नुकसान सिर्फ एक ही चीज़ का होगा।
