संसद शीतकालीन सत्र में बड़े टकराव के आसार: SIR बहस पर विपक्ष का हंगामा, सरकार समयसीमा देने को तैयार नहीं

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत उस तरह नहीं हुई जैसी उम्मीद थी। पहले ही दिन Opposition disrupts Parliament over SIR debate, जिससे माहौल गर्म होता गया।
विपक्ष लगातार यह मांग करता रहा कि विशेष मतदाता सूची संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) पर तुरंत बहस कराई जाए। लेकिन सरकार ने साफ कहा कि बहस पर विचार चल रहा है, किन्तु किसी तय समयसीमा से वह बंध नहीं सकती।

यही मुद्दा दिनभर के टकराव की वजह बना।


लोकसभा में नारों के बीच कार्यवाही बाधित

Opposition disrupts Parliament over SIR debate: सोमवार सुबह से लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाज़ी शुरू कर दी।
स्पीकर ओम बिरला बार-बार अपील करते रहे—

“आप नारे बाहर लगाइये, सदन में नहीं।”

लेकिन नारेबाज़ी जारी रही और कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर से जुड़े GST संशोधन से संबंधित बिल सदन में पेश किया और हंगामे के बीच ही बिल पारित भी हो गया।
इसके बाद उन्होंने ‘sin goods’ जैसे तंबाकू, पान मसाला आदि पर लगने वाले उपकरों को पुनर्प्रयोजित करने से जुड़ा नया विधेयक भी प्रस्तुत किया।
लेकिन निरंतर शोर के कारण दोपहर बाद सदन स्थगित कर दिया गया।


राज्यसभा में शुरुआत से टकराव, फिर वॉकआउट

राज्यसभा में हालात और तीखे दिखे।
नए उपाध्यक्ष और सभापति सी. पी. राधाकृष्णन के स्वागत के तुरंत बाद विपक्ष ने SIR बहस की अपनी मांग दोहरा दी।

TMC के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि किरन रिजिजू ने रविवार को आश्वासन दिया था कि SIR पर निर्णय जल्द बताया जाएगा।
कांग्रेस केMallikarjun Kharge और CPM के John Brittas ने भी इस मांग का समर्थन किया और BLO अधिकारियों की आत्महत्या की खबरों को गंभीर चिंता का विषय बताया।

रिजिजू ने कहा—

“विपक्ष के मुद्दे पर विचार हो रहा है, लेकिन आज ही बहस का अल्टीमेटम नहीं दिया जा सकता। कई अन्य पार्टियां अन्य विषयों पर चर्चा चाहती हैं।”

यह सुनते ही विपक्षी दलों में असंतोष और बढ़ गया।

डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा—

“समस्या समयसीमा नहीं, बल्कि भरोसे की कमी है।”

इसके बाद विपक्षी सांसद वॉकआउट कर गए।


अगले दिनों में और टकराव की संभावना

Opposition disrupts Parliament over SIR debate: सूत्रों के मुताबिक विपक्ष मंगलवार को भी SIR बहस की मांग उठाएगा और बुधवार को स्थिति की समीक्षा करेगा।
INDIA ब्लॉक ने मंगलवार सुबह संसद प्रवेश द्वार पर SIR के विरोध में प्रदर्शन की योजना भी बनाई है।
यह दृश्य मानसून सत्र की तरह ‘वोट चोरी’ वाले विवाद को फिर याद दिला सकता है।


INDIA ब्लॉक में भी मतभेद उभरने के संकेत

Opposition disrupts Parliament over SIR debate: यह भी दिलचस्प है कि इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) पूरी तरह कांग्रेस की लाइन पर नहीं दिख रही।
पार्टी ने विपक्षी दलों की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया, जिससे कई सवाल उठे हैं।

दूसरी ओर, CPI, CPM, IUML और अन्य छोटे दलों ने कहा कि संसद का पूरा सत्र ठप करना सही नहीं होगा क्योंकि कई अहम मुद्दों पर चर्चा जरूरी है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनकी चिंता समझी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि—

“SIR एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है, और सरकार को किसी न किसी रूप में चर्चा के लिए तैयार होना चाहिए।”


सत्र का पहला दिन ही बता गया कि आने वाले दिन आसान नहीं होंगे।
Opposition disrupts Parliament over SIR debate और सरकार चर्चा की समयसीमा देने से इनकार कर रही है।
विपक्ष SIR को “चुनावी फेरबदल” का संकेत बताकर इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुटा है, जबकि सरकार चुनाव आयोग को स्वतंत्र संस्था बताकर दूरी बनाए हुए है।

टकराव गहराने की पूरी संभावना है।

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