ITBP ने लंका में नया COB स्थापित कर माओवादियों का आखिरी कॉरिडोर किया सील

ITBP establishes Lanka COB in Abujhmad।
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ जैसे घने और दुर्गम इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। ITBP establishes Lanka COB in Abujhmad अभियान के तहत इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने लंका में एक और नया सुरक्षा कैम्प स्थापित कर लिया है। यह वही इलाका है जहां कभी घुस पाना भी असंभव माना जाता था।

तीन महीनों में नौवां कैम्प, माओवादी कॉरिडोर लगभग खत्म

ITBP establishes Lanka COB in Abujhmad: लंका कंपनी ऑपरेटिंग बेस (COB) बीते तीन महीनों में सुरक्षा बलों द्वारा स्थापित नौवां कैम्प है। इसके साथ ही एक साल से चल रही रणनीतिक विस्तार योजना पूरी मानी जा रही है।
इस कैम्प के स्थापित होने से माओवादियों के उस अंतिम इंटरस्टेट मूवमेंट कॉरिडोर को बंद कर दिया गया है, जिसके सहारे वे छत्तीसगढ़ के बीजापुर से महाराष्ट्र के गढ़चिरौली तक आवाजाही करते थे।

स्थानीय लोग इस बदलाव को राहत की सांस की तरह देख रहे हैं, क्योंकि दशकों बाद यह क्षेत्र विकास की रोशनी देखना शुरू करेगा।

130 किमी जंगल के भीतर, महाराष्ट्र सीमा से सिर्फ 3 किमी दूर

ITBP establishes Lanka COB in Abujhmad: ITBP का यह कैम्प नारायणपुर से लगभग 130 किलोमीटर जंगल के भीतर है और महाराष्ट्र सीमा से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है।
कैम्प को 44वीं बटालियन ITBP, जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर संचालित कर रही है।

अबूझमाड़ में नियंत्रण का नया नक्शा

ITBP establishes Lanka COB in Abujhmad: सुरक्षा बलों ने 2025 की शुरुआत में नारायणपुर–नेलांगुंन एक्सिस को सुरक्षित कर लिया था। इसके बाद मोहंदी, कोड्लियार, पदमकोट और फिर कुख्यात कुटुल जैसे माओवादी गढ़ों पर नियंत्रण हासिल किया गया।
एडजुम, जटलूर और पदमेटा जैसे फॉरवर्ड बेस ने बलों का मार्ग और मजबूत किया।

बासवराजु के मारे जाने के बाद तेज हुई कार्रवाई

मई 2025 में माओवादी शीर्ष नेता नंबाला केसव राव उर्फ बासवराजु के मारे जाने के बाद यह अभियान और तेज हो गया। सुरक्षा बलों को पहली बार अबूझमाड़ के बेहद भीतरी हिस्सों में टिकने का मौका मिला।

डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को मिला रास्ता

लंका COB स्थापित होने के बाद ओरचा–लंका एक्सिस भी सुरक्षित हो गया है। अब लंबे समय से अटके हुए विकास कार्य, खासकर इंद्रावती नदी पर बनने वाला महत्वपूर्ण बेदरे पुल, आगे बढ़ पाएंगे।
यह पुल लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बिजली और रोज़मर्रा की जरूरतें पाने में बड़ी राहत देगा।

स्थानीय निवासियों को अब उम्मीद की एक नई रोशनी

दशकों से सुविधाओं से कटे रहने वाले अबूझमाड़ के ग्रामीणों के लिए यह सुरक्षा विस्तार उम्मीद का नया अध्याय है।
गांव के कई लोगों का कहना है कि उन्हें पहली बार महसूस हो रहा है कि सरकार और प्रशासन अब उनसे दूर नहीं है।

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