कबीरधाम। नकली शराब निर्माण से जुड़े Fake Desi Liquor Case में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। झारखंड के जमशेदपुर में दबिश देकर दो अंतरराज्यीय सप्लायरों—राकेश कोहली (39) और मोहन प्रसाद उर्फ मोहन गुप्ता (67)—को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी लंबे समय से पोड़ी क्षेत्र में सक्रिय गिरोह को स्पिरिट और अन्य सामग्री सप्लाई कर रहे थे।
कैसे खुला इंटरस्टेट नेटवर्क का राज
Fake Desi Liquor Case: जांच में सामने आया कि पहले गिरफ्तार आरोपी साजिद जमशेदपुर का रहने वाला है। इसी पहचान के आधार पर राकेश कोहली पोड़ी में सक्रिय नेटवर्क से जुड़ा और फिर उसने स्पिरिट, नकली ढक्कन, स्टिकर और पैकिंग सामग्री बसों के माध्यम से भेजना शुरू कर दिया।
Podi Fake Desi Liquor Case की जांच में यह भी पता चला कि राकेश खुद पोड़ी आकर गिरोह को नकली शराब तैयार करने की ट्रेनिंग भी दे चुका था।
मोहन गुप्ता की भूमिका भी चौंकाने वाली
Fake Desi Liquor Case: आरोपी मोहन गुप्ता फर्नीचर पॉलिश व्यवसाय की आड़ में कोलकाता से बड़ी मात्रा में स्पिरिट मंगाता था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि यह स्पिरिट झारखंड और छत्तीसगढ़ में सक्रिय कई अवैध शराब नेटवर्क को सप्लाई की जाती थी।
इसी कड़ी में वह राकेश के माध्यम से पोड़ी में पकड़े गए गिरोह को भी लंबे समय से स्पिरिट भेज रहा था।
झारखंड में भी रैकेट चलाता था राकेश कोहली
जांच अधिकारियों के अनुसार, राकेश कोहली झारखंड में कई वर्षों से विभिन्न ब्रांडों की नकली इंग्लिश शराब तैयार कर अपने नेटवर्क के जरिए बाजार में उतार रहा था। उसकी गिरफ्तारी से कई राज्यों में फैले इस अवैध सिंडीकेट की परतें खुलने लगी हैं।
पुलिस ने बताया—जांच अब निर्णायक मोड़ पर
Fake Desi Liquor Case: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि Podi Fake Desi Liquor Case में अभी और गिरफ्तारियां संभव हैं। पकड़े गए दोनों सप्लायरों से मिली जानकारी के आधार पर टीम कई नए ठिकानों पर भी छापेमारी कर सकती है।
इस कार्रवाई से साफ है कि पोड़ी में पकड़े गए नकली शराब निर्माण मामले का नेटवर्क बेहद व्यापक था, जिसका संचालन झारखंड से लेकर छत्तीसगढ़ तक फैले कई गिरोह मिलकर कर रहे थे।
