Sarpata Primary School teacher appointment: कोरबा जिले के पोड़ी–उपरोड़ा विकासखंड के दूरस्थ ग्राम सरपता प्राथमिक शाला में वर्षों बाद पढ़ाई का माहौल फिर से जीवंत हो गया है। Sarpata Primary School teacher appointment के बाद बच्चों के चेहरे पर लौटी मुस्कान गांव में नई ऊर्जा लेकर आई है।
लंबे समय से एकल शिक्षक पर निर्भर था विद्यालय
वर्ष 1981 से संचालित यह प्राथमिक शाला पिछले कई वर्षों से गंभीर शिक्षक संकट से जूझ रही थी। विद्यालय में फिलहाल 51 बच्चे अध्ययनरत हैं, जिनमें अधिकांश अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के बच्चे शामिल हैं।
प्रधान पाठक श्री रामशरण मरकाम वर्ष 2006 से सेवा दे रहे हैं, और लंबे समय तक विद्यालय एकल शिक्षक मॉडल पर ही चलता रहा।
इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर साफ दिखने लगा था —
एक ही कक्षा में अलग-अलग बच्चों का बैठना, नियमित कक्षाएं न होना, और सीमित समय में सभी को पढ़ाना कठिन होता जा रहा था।
बच्चों ने कहा— ‘अब पढ़ाई में मज़ा आ रहा है’
कक्षा पाँचवीं की सुमित्रा, कविता, यशवंत और चौथी के अमित, अतीत, हेमा और सोनू उत्साह के साथ बताते हैं कि पहले सिर्फ एक ही गुरुजी होने से पढ़ाई मुश्किल होती थी।
लेकिन अब सहायक शिक्षक श्री शांतिलाल कश्यप के आने के बाद हालात बदल गए हैं।
बच्चों के शब्दों में—
“अब रोज़ कक्षा लगती है, पढ़ाई समझ में आता है… पहले जैसे रुकावट नहीं आती।”
सरकार की पहल से दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था मजबूत
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों को एकल शिक्षक विद्यालयों में पदस्थ किया जा रहा है।
उसी पहल के अंतर्गत 30 जुलाई 2025 को Sarpata Primary School teacher appointment की प्रक्रिया पूरी की गई।
श्री शांतिलाल कश्यप के जुड़ने के बाद:
- नियमित कक्षाएं शुरू हुईं
- बच्चों की शैक्षणिक प्रगति में सुधार आया
- विद्यालय का वातावरण सकारात्मक हुआ
मध्यान्ह भोजन और नाश्ते से बच्चों में बढ़ रही उपस्थिति
विद्यालय में बच्चों को सुबह नाश्ता और दोपहर में मध्यान्ह भोजन मिलता है।
शिक्षक की कमी दूर होने के बाद बच्चों की उपस्थिति में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
यह बदलाव साबित करता है कि सही समय पर नियुक्ति और सरकारी दूरदर्शिता किस तरह दूरस्थ क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बना सकती है।
