नई दिल्ली Supreme Court Samay Raina Case।
कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना के विवादित एपिसोड से जुड़े मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और सामाजिक रूप से सार्थक निर्देश जारी किया। अदालत ने समय रैना सहित तीन अन्य कॉमेडियंस को आदेश दिया है कि वे अपने प्लेटफार्मों पर दिव्यांगजनों की प्रेरक सफलता कहानियों को प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम आयोजित करें। इन कार्यक्रमों से होने वाली आय को दिव्यांग व्यक्तियों के उपचार और सहायता के लिए उपयोग किया जाएगा।
👨⚖️ “लोकप्रियता का लाभ समाज के साथ साझा करें” — CJI
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा—
“यह कोई दंड नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। आप समाज में प्रभावशाली लोग हैं। यदि आप लोकप्रिय हुए हैं तो इसका कुछ हिस्सा समाज के साथ भी साझा करें।”
उन्होंने यह भी अपेक्षा जताई कि अगली सुनवाई से पहले ऐसे कुछ प्रेरक कार्यक्रम जरूर आयोजित किए जाएँ।
📌 Cure SMA Foundation की याचिका पर सुनवाई
यह निर्देश Cure SMA Foundation द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें कॉमेडियंस पर दिव्यांग व्यक्तियों का मज़ाक उड़ाने के आरोप में कार्रवाई की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया कि हास्य के नाम पर दिव्यांगजनों और दुर्लभ रोग से पीड़ित लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई गई, जो सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय गरिमा के खिलाफ है।

🔥 कैसे शुरू हुआ विवाद?
कुछ महीने पहले समय रैना के यूट्यूब शो ‘India’s Got Latent’ के एक एपिसोड में दिव्यांगजनों और दुर्लभ रोगों से जुड़े कथनों पर आपत्ति उठी।
एपिसोड के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई—
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाएँ क्या हैं?
- हास्य का दायरा कहाँ तक होना चाहिए?
- संवेदनशील समुदायों का मजाक क्या मनोरंजन माना जा सकता है?
विवाद बढ़ने पर:
- मुंबई पुलिस ने कॉमेडियंस को तलब किया,
- आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में संज्ञान लिया।
अंततः विवादित एपिसोड यूट्यूब से हटाना पड़ा।
🎙️ अब होगा सकारात्मक मंच: दिव्यांगजनों की कहानियाँ
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार कॉमेडियंस अब अपने मंच का उपयोग:
- दिव्यांग व्यक्तियों की प्रेरक यात्राओं को सामने लाने,
- उनकी उपलब्धियों को समाज तक पहुँचाने,
- और उनकी सहायता के लिए धन जुटाने में करेंगे।
यह फैसला केवल सुधारात्मक कदम नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
