दिल्ली में दमघोंटू हवा: AQI 335 ‘बहुत खराब’, 12 दिन से नहीं मिली राहत, ठंड भी बढ़ी

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली ने बुधवार (26 नवंबर 2025) की सुबह एक बार फिर दमघोंटू हवा के साथ शुरुआत की। Delhi air quality today का स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ और औसत AQI 335 तक पहुंच गया।
यह लगातार 12वां दिन है जब दिल्ली खराब से बेहद खराब वायु गुणवत्ता में घिरी हुई है।

अगले 5 दिनों में राहत की उम्मीद नहीं

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार, अगले पांच दिनों में प्रदूषण का स्तर और बिगड़ सकता है।
पूर्वानुमान में साफ कहा गया है कि हवा का स्तर ‘बहुत खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ (Severe) कैटेगरी के बीच रह सकता है।

यह स्थिति उस समय चिंताजनक हो जाती है जब बच्चे, बुजुर्ग और सांस के मरीज बाहर निकलने से डरने लगे हैं। कई लोगों ने सुबह टहलना भी बंद कर दिया है।

AQI क्या कहता है? CPCB का पैमाना

CPCB के अनुसार—

  • 0–50: अच्छा
  • 51–100: संतोषजनक
  • 101–200: मध्यम
  • 201–300: खराब
  • 301–400: बहुत खराब
  • 401–500: गंभीर

आज दिल्ली का AQI 335 रहा, यानी हवा हर सांस के साथ शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

ठंड का असर बढ़ा, न्यूनतम तापमान 8°C

मौसम भी इस प्रदूषण के बीच करवट ले रहा है। IMD के मुताबिक—

  • न्यूनतम तापमान: 8°C (मौसमी औसत से 3.3 डिग्री कम)
  • अधिकतम तापमान: 24°C के आसपास रहने का अनुमान
  • सुबह 8:30 बजे आर्द्रता: 100%

ठंडी और नमी भरी हवा प्रदूषकों को जमीन के पास रोक देती है, जिससे Delhi air quality today और भी खराब महसूस होती है।

लोगों की दिक्कतें बढ़ीं

दिल्ली के कई इलाकों में लोगों ने बताया कि—

  • आंखों में जलन तेजी से बढ़ी
  • गले में चुभन और सूखापन महसूस हुआ
  • कई इलाकों में सुबह धुंध और स्मॉग की मोटी परत रही
  • अस्पतालों में सांस की समस्याओं के मामले बढ़ रहे हैं

निवासियों का कहना है कि लगातार 12 दिनों से उन्हें मास्क लगाकर ही बाहर निकलना पड़ रहा है।

फिलहाल क्या करें? विशेषज्ञों की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुछ सावधानियाँ अपनाने की अपील की है—

  • सुबह-सुबह बाहरी गतिविधियों से बचें
  • एयर-प्यूरीफायर का उपयोग करें
  • पानी अधिक पिएं
  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें

निष्कर्ष: दिल्ली को अभी राहत नहीं

दिल्ली में Delhi air quality today लगातार खराब बनी हुई है। आने वाले दिनों में प्रदूषण कम होने के आसार बहुत कम हैं। ऐसे में सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर ध्यान देना होगा।

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