दुर्ग शहर में मानवता का एक ऐसा उजला उदाहरण देखने को मिलता है, जो आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गया है। जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग द्वारा संचालित निःशुल्क भोजन सेवा पिछले 1 जनवरी 2017 से बिना रुके, बिना किसी दिन नागा किए आज भी जारी है।
लगभग 9 वर्ष से यह सेवा जरूरतमंदों के लिए जीवनरेखा बनी हुई है।
हर रोज़ सैकड़ों लोगों तक पहुँचता है भोजन
संस्था के सदस्य रोज़ सुबह से ही भोजन तैयार करने में जुट जाते हैं। दोपहर होते-होते उनकी टीम उन स्थानों पर पहुँच जाती है, जहाँ सबसे अधिक जरूरतमंद रहते हैं।
Durg free food service का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर के किसी भी गरीब, बेघर या बेसहारा व्यक्ति को भूखा न सोना पड़े।
ये प्रमुख स्थानों पर दी जा रही है सेवा
संस्था दुर्ग के कई प्रमुख इलाकों में रोज़ भोजन उपलब्ध करा रही है—
- पुराना बस स्टैंड
- नया बस स्टैंड
- मालवीय नगर चौक
- समृद्धि बाजार चौक
- तमेरपारा रोड
- चंडी चौक
- पोलसाय पारा चौक
- अग्रसेन चौक
- शहीद चौक
- दुर्ग रेलवे स्टेशन

फुटपाथ पर रहने वाले लोगों से लेकर रोज़गार की तलाश में घूम रहे मजदूरों तक—हर कोई इस सेवा से लाभान्वित होता है।
मानवता पहले: बदलती ज़िंदगियाँ, बढ़ता भरोसा
कई बार जरूरतमंदों की आंखों में राहत के आँसू दिख जाते हैं।
एक बुजुर्ग महिला ने संस्था से भोजन लेते हुए कहा:
“बेटा, रोज़ का खाना तो भगवान ही भेजता है… और आजकल भगवान भी आपकी टोली के रूप में आता है।”
ऐसी अनेक कहानियाँ संस्था की टीम को निरंतर प्रेरित करती हैं।
समाज में सकारात्मक संदेश
Durg free food service न केवल भोजन देती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि सामूहिक प्रयास से किसी भी शहर में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
शहर के युवा भी अब इस सेवा से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।
दुर्ग सहित प्रदेश में बढ़ रही सराहना
लगातार 9 वर्षों तक बिना किसी रुकावट के सेवा संचालित करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
दुर्ग में जन समर्पण सेवा संस्था के इस प्रयास ने मानवता की एक नई मिसाल पेश की है।
