सूरजपुर में बड़ा एक्शन: कागज़ों में चल रहे 32 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द, जिला प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई

Surajpur private schools recognition cancelled: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। जिला प्रशासन ने उन 32 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी, जो सिर्फ कागजों में चल रहे थे। यह कदम न केवल अभिभावकों की शिकायतों के आधार पर उठाया गया, बल्कि बच्चों की शिक्षा के साथ हो रहे गंभीर खिलवाड़ को रोकने के लिए भी बेहद ज़रूरी था।
यह कार्रवाई सीधे तौर पर जिले की शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।


📑 अभिभावकों की शिकायतों के बाद हुई कार्रवाई

Surajpur private schools recognition cancelled: पिछले कई महीनों से अभिभावक लगातार जिला प्रशासन को शिकायतें कर रहे थे कि कुछ निजी स्कूल सिर्फ सरकारी मान्यता का लाभ उठा रहे हैं, जबकि जमीन पर उनका संचालन बिल्कुल भी नहीं हो रहा।
शिकायतों की संख्या बढ़ने पर Surajpur private schools recognition cancelled करने की प्रक्रिया शुरू की गई।


🏫 कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त टीमों ने किया औचक निरीक्षण

Surajpur private schools recognition cancelled: सूरजपुर जिला कलेक्टर ने सभी विकासखंडों में BEO और ABEO की संयुक्त टीमें गठित कीं।
इन टीमों ने बिना सूचना दिए औचक निरीक्षण किया और खुलासा हुआ कि—

  • वर्ष 2025-26 में जिले के 32 निजी स्कूल धरातल पर संचालित ही नहीं थे
  • कुछ स्कूल कई वर्षों से बंद थे, फिर भी उनके नाम पर मान्यता जारी थी
  • कई संस्थाओं ने बिना संचालन के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्यता बनाए रखी थी

निरीक्षण रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने के बाद सभी स्कूलों की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई


⚠️ गंभीर शैक्षणिक धोखाधड़ी मानी गई यह लापरवाही

संयुक्त टीमों ने पूरे मामले को गंभीर शैक्षणिक धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा है।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि—

  • ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए
  • आगे किसी भी निजी स्कूल को बिना मानक पूरे किए मान्यता न दी जाए
  • जिले में शिक्षा व्यवस्था पर और कड़ी निगरानी रखी जाए

📝 जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया नोटिस

मान्यता रद्द होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने सभी 32 संस्थाओं को नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कहा गया है कि—

  • अब ये स्कूल किसी भी परिस्थिति में संचालित नहीं किए जा सकते
  • नियमों का उल्लंघन करने पर आगे और सख्त कार्रवाई होगी

👨‍👩‍👧 अभिभावकों ने फैसले का स्वागत किया

अभिभावकों ने जिला प्रशासन के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे शिक्षा व्यवस्था में—

  • पारदर्शिता बढ़ेगी
  • स्कूलों पर जिम्मेदारी और नियंत्रण कायम होगा
  • बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित होगी

संयुक्त कलेक्टर पुष्पेंद्र शर्मा ने स्पष्ट संदेश दिया—
“मानक के बिना स्कूल नहीं चलेंगे। नियम तोड़ने पर आगे भी सख्त कार्रवाई होगी।”

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