कक्षा में बच्चों संग बैठा आवारा कुत्ता, पाठ भी दोहराया! वायरल वीडियो के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप

रायपुर, 25 नवंबर 2025 stray dog in classroom viral video।
छत्तीसगढ़ में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर सरकार द्वारा सख्त निर्देश जारी किए जाने के कुछ ही दिन बाद बीजापुर जिले से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में एक आवारा कुत्ता बच्चों के साथ कक्षा के अंदर बैठा दिखाई दे रहा है—और वह बच्चों के साथ पाठ दोहराता भी नजर आता है।

यह अनोखा और चिंताजनक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।


🔸 वीडियो में क्या दिखा?

वायरल क्लिप, जो बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय की बताई जा रही है, में—

  • बच्चे फर्श पर बैठकर पाठ दोहरा रहे हैं,
  • शिक्षक सामने बैठकर किताब से पढ़ रहे हैं,
  • और एक आवारा कुत्ता बच्चों की पहली पंक्ति में बैठा,
  • सिर हिलाकर उनके पाठ की लय मिलाता हुआ दिखता है।

वीडियो मज़ेदार जरूर है, लेकिन स्कूल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी उठाता है।


🔸 सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बीच surfaced हुआ वीडियो

यह वीडियो ऐसे समय सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बढ़ते डॉग-बाइट मामलों पर चिंता जताते हुए आदेश दिया है कि—

  • स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस स्टैंड और खेल मैदानों में आवारा कुत्तों का प्रवेश पूरी तरह रोका जाए,
  • और संस्थान आवश्यक फेंसिंग लगाएँ।

इसके तुरंत बाद छत्तीसगढ़ के शिक्षा निदेशालय ने नए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें स्कूलों को आवारा कुत्तों की एंट्री रोकने, रिपोर्ट करने और नगर निगम/पंचायत से समन्वय करने के निर्देश दिए गए थे।


🔸 शिक्षा विभाग भी वीडियो की सत्यता की जांच में जुटा

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वे इस वायरल वीडियो की लोकेशन की पुष्टि कर रहे हैं।
इस बीच यह क्लिप विभाग में चिंता का कारण बनी हुई है, क्योंकि राज्य ने हाल ही में एक नया आदेश जारी किया था जिसमें—

  • हर स्कूल में प्रधानाचार्य या प्राचार्य को नोडल अधिकारी बनाना,
  • आवारा कुत्तों की गतिविधि की निगरानी,
  • और स्थानीय “डॉग-कैचर” टीमों को तुरंत सूचना
    देने के निर्देश दिए गए थे।

हालांकि इस आदेश ने शिक्षकों के बीच विरोध भी पैदा किया है।


🔸 स्कूलों को सुरक्षा पर सख्त निर्देश

शिक्षा विभाग की ताज़ा परिपत्र के मुताबिक—

  • स्कूल परिसर में भौतिक अवरोध जैसे गेट, नेट या फेंसिंग अनिवार्य,
  • आवारा कुत्तों की सूचना तत्काल स्थानीय निकाय को भेजना,
  • और यदि किसी बच्चे को काटने का मामला सामने आता है तो तुरंत प्राथमिक उपचार एवं अस्पताल भेजने की जिम्मेदारी स्कूल पर होगी।

उद्देश्य है कि बच्चों को एक सुरक्षित और व्यवधान-रहित वातावरण मिले।

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