नई दिल्ली। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की गिनती में अब केवल 10 दिन शेष हैं, और इसी बीच चुनाव आयोग ने सोमवार को बताया कि SIR electoral rolls digitisation प्रक्रिया में अब तक 47% से अधिक फॉर्म डिजिटल रूप से अपलोड किए जा चुके हैं।
4 नवंबर से शुरू हुआ यह चरण 4 दिसंबर को समाप्त होगा, जबकि ड्राफ्ट सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी।
Goa सबसे आगे, UP और Kerala पिछड़े
चुनाव आयोग के अनुसार—
- गोवा: 76.89% डिजिटाइजेशन (सबसे अधिक)
- राजस्थान: 72.20%
- केरल: 23% (सबसे कम)
- उत्तर प्रदेश: 26.6%
कुल 51 करोड़ मतदाताओं में से 50,50,24,723 फॉर्म (99.07%) एकत्र कर लिए गए हैं और 24,13,75,229 फॉर्म (47.35%) डिजिटाइज किए जा चुके हैं।
12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा है SIR
इस चरण में शामिल हैं—
छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप।
गिनती में फॉर्म का वितरण, फॉर्म का संग्रह और समर्पित ऐप के माध्यम से डेटा अपलोड शामिल हैं। पूरा काम बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) द्वारा किया जा रहा है और वे समय से दौड़ लगा रहे हैं।
जमकर बढ़ा BLO का तनाव: कई जगह विरोध, कहीं आत्महत्या के मामले
कई राज्यों में BLO भारी दबाव में काम कर रहे हैं।
- पश्चिम बंगाल में ‘अतिरिक्त काम’ को लेकर विरोध प्रदर्शन
- केरल में कार्यभार के तनाव के बाद BLO को SIR ड्यूटी से हटाने का प्रस्ताव
- उत्तर प्रदेश में BLO कैंपों में स्पष्टीकरण लेने उमड़ रहे हैं
बुलंदशहर में एक 55 वर्षीय शिक्षिका मंजू देवी ने कहा:
“मैं शिक्षक हूँ। पढ़ाई कराऊँ या फॉर्म भरूँ? तकनीकी जानकारी भी कम है और समय बेहद कम।”
राजेश कुमार, एक अन्य BLO बोले:
“BLO ऐप बार-बार क्रैश हो जाता है। फोटो अपलोड करते समय भी सिस्टम अटक जाता है। ऊपर से सुपरवाइजर की लगातार कॉल—काम करें या कॉल रिसीव करें?”
कई BLO अपने परिवार की मदद ले रहे हैं। मेरठ की एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि उनकी बेटी डिजिटाइजेशन में सहायता कर रही है।
BLO की विविध जिम्मेदारियाँ और बढ़ता बोझ
अधिकांश BLO—
- शिक्षक
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
- मिड-डे मील कर्मचारी
- पटवारी, अमीन, लेखपाल
- पंचायत सचिव
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता
- पोस्टमैन और बिजली बिल रीडर
होते हैं।
SIR शुरू होते समय इन्हें गहन प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन काम की मात्रा और समय की कमी उनकी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
डेडलाइन नजदीक, अन्य काम ठप
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“हम पर भारी दबाव है। 4 दिसंबर से पहले हर हाल में काम पूरा करना है, बाकी सारे काम पीछे हो गए हैं।”
SIR electoral rolls digitisation पूरी प्रक्रिया अब समय के खिलाफ दौड़ बन चुकी है।
