लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध के खिलाफ चल रही कार्रवाई में CBI को बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को CBI ने लखनऊ में विशेष ऑपरेशन चलाकर लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी विकास कुमार निमार को गिरफ्तार कर लिया। यह वही आरोपी है जिसकी गिरफ्तारी से एजेंसी कई महीनों से जुड़ी फाइलों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही थी।
CBI arrests Vikas Kumar Nimar कार्रवाई उस बड़े नेटवर्क का हिस्सा है जिसके विरुद्ध सितंबर 2024 में मामला दर्ज किया गया था। यह नेटवर्क कथित तौर पर तकनीक आधारित धोखाधड़ी के विशाल रैकेट का संचालन कर रहा था।
चार शहरों में खुला था साइबर धोखाधड़ी का जाल
जांच के दौरान CBI ने सितंबर 2024 में पुणे, हैदराबाद और विशाखापट्टनम में छापे मारे थे। इन अभियानों में चार अवैध कॉल सेंटरों का पर्दाफाश हुआ।
एजेंसी ने पाया कि इन्हीं कॉल सेंटरों को VC Infometrix Pvt. Ltd. के नाम से विकास कुमार निमार ही चला रहा था। वह लगातार स्थान बदलकर जांच एजेंसियों से बच रहा था।
मोहलत खत्म: लखनऊ से गिरफ्तारी, लाखों की नकदी बरामद
CBI ने 20 नवंबर 2025 को लखनऊ में लक्षित छापेमारी की। इस दौरान CBI arrests Vikas Kumar Nimar ऑपरेशन सफल हुआ और उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
खोज में एजेंसी को मिला:
- ₹14 लाख नकद
- कई मोबाइल फोन
- सैकड़ों पन्नों में फैले संदिग्ध दस्तावेज
- लेनदेन और विदेशी कॉलिंग पैटर्न से जुड़े प्रमाण
यह बरामदगी साइबर धोखाधड़ी के उस नेटवर्क से जुड़ी मानी जा रही है, जो विदेशी नागरिकों—खासकर अमेरिकी लोगों—को निशाना बनाता था।
लखनऊ में चल रहा था नया अवैध कॉल सेंटर
गिरफ्तारी से पहले CBI को संकेत मिले थे कि निमार लखनऊ में एक नया, गुप्त कॉल सेंटर चला रहा है। छापे में यह भी सामने आया कि वह अपनी टीम के साथ अमेरिकी नागरिकों को सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ठग रहा था।
साइट से CBI ने 52 लैपटॉप बरामद किए, जो बड़े डिजिटल सबूत माने जा रहे हैं। इन उपकरणों में कॉल रिकॉर्ड, भुगतान डेटा और विदेशी नंबरों से जुड़ी विस्तृत गतिविधियां मिलने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला जाल, INTERPOL के साथ समन्वय
एजेंसी ने कहा कि मामला सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। यह गिरोह विदेशों में बैठे सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहा था।
CBI अब INTERPOL और अन्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर:
- विदेशी सहयोगियों की पहचान
- पीड़ितों का पता लगाने
- वैश्विक ऑपरेशन को खत्म करने
पर काम कर रही है।
फॉरेंसिक टीमें जब्त डिवाइसों की विस्तृत जांच कर रही हैं और कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
