मेरठ, उत्तर प्रदेश। उधन गांव में शुक्रवार की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहाँ 15 वर्षीय किशोरी प्रधानी कार्यालय के अंदर संदिग्ध हालत में फंदे से लटकी मिली। यह घटना तब हुई जब गांव में यह अफवाह फैल गई कि उसका प्रेमी आत्महत्या कर चुका है।
दोनों करीब दो साल से रिश्ते में थे और अलग-अलग समुदायों से होने के कारण परिवारों ने इस संबंध का कड़ा विरोध किया था। बावजूद इसके, दोनों एक-दूसरे से किसी न किसी तरह संपर्क में बने हुए थे।
अफवाह ने बदल दिया हालात का रुख
शुक्रवार को किशोरी की मौसी उसे गांव की प्रधान के कार्यालय ले गई थीं, ताकि उसे समझाया जा सके कि उम्र पूरी होने से पहले शादी के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। प्रधानी के अनुसार,
“मैंने उसे समझाया कि पहले पढ़ाई करो, फिर बड़े होकर निर्णय लो।”
इसी बीच गांव में यह अप्रमाणित सूचना फैल गई कि लड़का पास के जंगल में फंदे पर लटका मिला है और उसकी मौत हो चुकी है।
अफवाह सुनते ही लड़की घबरा उठी। स्थानीय लोगों के अनुसार वह कुछ देर के लिए बाहर गई, फिर वापस कमरे में लौटी और थोड़ी देर बाद फंदे पर लटकी मिली।
परिवार ने लगाया हत्या का आरोप, दूसरा पक्ष बोला—फंसाया जा रहा है
किशोरी के परिवार का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। उन्होंने दावा किया कि लड़की के शरीर पर “संदिग्ध निशान” थे। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि घटना से पहले उसे लड़के की बहन लेकर गई थी।
दूसरी ओर, लड़के के परिवार ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि उन्हें “फंसाया जा रहा है।” उन्होंने वह वीडियो भी दिखाया जिसमें किशोरी ने पहले कहा था कि उसके परिजन लड़के को गलत तरीके से फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
लड़का भी कर चुका था खुदकुशी का प्रयास
लड़के की बहन ने बताया कि उसी दिन दोपहर में उसने भी पेड़ से लटककर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। हालांकि समय पर पहुंचकर उसे बचा लिया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
पुलिस ने किशोरी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों ने कहा कि दोनों परिवारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और
“घटनाक्रम से जुड़े हर दावे की पुष्टि होने के बाद ही अंतिम कारण बताया जाएगा।”
चूंकि मामला दो समुदायों से जुड़े परिवारों का है, इसलिए पुलिस सतर्कता के साथ जांच कर रही है ताकि किसी तरह का तनाव न बढ़े।
मनोरोग विशेषज्ञों की चेतावनी: अफवाहें किशोर मन पर भारी
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों का मानना है कि इस संवेदनशील उम्र में प्रेम संबंधों पर सामाजिक दबाव और अफवाहें कई बार भावनात्मक रूप से कमजोर कर देती हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या समाज को ऐसे मामलों में किशोरों को बेहतर मार्गदर्शन और मानसिक सहारा नहीं देना चाहिए?
