नई दिल्ली। राजधानी के इंडिया गेट पर रविवार को वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को अदालत के सामने गंभीर आरोप लगाए। India Gate protest assault allegations से जुड़े इस मामले में कई आरोपियों ने दावा किया कि पुलिस हिरासत में उनके साथ मारपीट की गई, जबकि कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनसे छेड़छाड़ की और गलत तरीके से छुआ।
अदालत ने इन बयानों को तब दर्ज किया जब उसने सभी आरोपियों से पुलिस की मौजूदगी के बिना निजी तौर पर बातचीत की। कई आरोपियों ने अदालत को अपने शरीर पर चोट के निशान भी दिखाए।
⭐ “हमें बूथ में ले जाकर पीटा गया”—आरोपी
एक प्रदर्शनकारी ने अदालत से कहा,
“पुलिस हमें एक बूथ में ले गई और बुरी तरह पीटा।”
दूसरे ने बताया कि उन्हें छाती, पीठ और पेट पर चोटें आईं। वहीं एक आरोपी के मेडिकल लीगल सर्टिफिकेट (MLC) में गर्दन में चोट का उल्लेख मिला, हालांकि पुलिस ने दावा किया कि यह पुरानी चोट है।
इस सुनवाई के दौरान मीडिया को अदालत कक्ष में आने की अनुमति नहीं दी गई।
⭐ हिडमा पोस्टर विवाद से जुड़ा मामला
India Gate protest custodial assault: इन गिरफ्तारियों का संबंध मुख्य रूप से उन पोस्टरों से है, जिनमें हाल ही में encounter में मारे गए नक्सल कमांडर मदवी हिडमा का समर्थन allegedly किया गया था।
रविवार को हुए प्रदर्शन में प्रदूषण के खिलाफ नारे लगते-लगते कुछ समूहों ने ऐसे पोस्टर उठाए थे, जिसे लेकर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की।
17 आरोपियों (11 महिलाएँ शामिल) को पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान नई दिल्ली जिले के DCP देवेन्द्र महला भी मौजूद थे।
⭐ पुलिस का आरोप—“पूरी तैयारी के साथ आए, मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया”
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया—
- प्रदर्शनकारियों ने चिली/पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया
- चार बार चेतावनी देने के बाद ही कार्रवाई की गई
- प्रदर्शनकर्मी “नक्सलियों के समर्थन में नारे” लगा रहे थे
- जबकि प्रदर्शन की थीम प्रदूषण थी
पुलिस ने दावा किया,
“वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।”
⭐ छात्रों के वकील बोले—“ये पढ़े-लिखे बच्चे हैं, अपराधी नहीं”
वहीं प्रदर्शनकारियों के वकीलों ने कहा कि—
- छात्र “पढ़े-लिखे बच्चे” हैं
- उन्होंने जल, जंगल, ज़मीन जैसे पर्यावरणीय मुद्दों को प्रदूषण से जुड़े बड़े परिप्रेक्ष्य में उठाया
- FIR में कहीं भी नक्सलवाद का उल्लेख नहीं है
- पुलिस छात्रों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है
⭐ 22 आरोपियों को भेजा गया न्यायिक हिरासत में
रविवार के प्रदर्शन पर दो FIR दर्ज की गईं—
- कर्तव्य पथ थाना क्षेत्र
- संसद मार्ग थाना क्षेत्र
कोर्ट ने जुड़े मामलों में—
- 17 आरोपियों को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
- कर्तव्य पथ FIR में 6 आरोपियों में से 5 को दो दिन की judicial custody
- एक नाबालिग प्रतीत होने वाले आरोपी को सुरक्षित आश्रय (safe house) भेजा गया, उम्र सत्यापन के लिए
पुलिस ने कहा कि वह जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपियों के मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक रिपोर्ट मिलने के बाद ही कस्टडी मांगेगी।
India Gate protest assault allegations केवल पुलिस-प्रदर्शनकारी विवाद भर नहीं, बल्कि यह देश की राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन, युवाओं की भूमिका और पुलिस की कार्रवाई पर व्यापक बहस को जन्म दे रहा है। अब अदालत 27 नवंबर को आने वाली अगली सुनवाई में आगे की दिशा तय करेगी।
