छत्तीसगढ़ में आयुष्मान कार्ड फ्रॉड रोकने नया सिस्टम लागू, इलाज पर कटने वाली राशि का तुरंत मिलेगा SMS अलर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान भारत योजना में बढ़ते फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मरीजों के कार्ड से इलाज और जांच के नाम पर अवैध रूप से ज्यादा राशि काटे जाने की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए विभाग ने एक नया निगरानी तंत्र लागू करने का फैसला किया है।

इस नए सिस्टम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों पर कठोर कार्रवाई करना है।


फर्जीवाड़ा रोकने के लिए SMS अलर्ट सिस्टम लागू

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब आयुष्मान कार्ड पर होने वाले हर वित्तीय लेनदेन की जानकारी बैंक की तरह ही तुरंत SMS के रूप में मरीज के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी

इसमें शामिल होगा:

  • कार्ड ब्लॉक होने की सूचना
  • इलाज या जांच की हर कटौती का अलर्ट
  • कुल काटी गई राशि की जानकारी

इसके बाद मरीज अपने खाते से हुए लेनदेन को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे और किसी भी अनियमितता को तुरंत विभाग के संज्ञान में ला पाएंगे।


ऑडिट में सामने आई थीं बड़ी गड़बड़ियां

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई स्वास्थ्य सहायता योजना के ऑडिट में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ सामने आई थीं।
कई अस्पतालों पर आरोप था कि:

  • इलाज न होने के बावजूद कार्ड से राशि काटी गई
  • मामूली जांचों के नाम पर अधिक पैसों की वसूली की गई
  • मरीजों को वास्तविक खर्च की जानकारी नहीं दी गई

इन शिकायतों ने विभाग को सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत दिखाई, जिसके बाद नया निगरानी तंत्र तैयार किया गया।


मरीजों के हित में महत्वपूर्ण फैसला

यह SMS अलर्ट सिस्टम मरीजों को अपने कार्ड पर हर ट्रांजैक्शन की पारदर्शी जानकारी देगा।
इससे:

  • धोखाधड़ी की तुरंत पहचान होगी
  • मरीज कार्ड से कट रही राशि के प्रति जागरूक रहेंगे
  • फर्जीवाड़ा करने वाली संस्थाओं पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी

कई मरीजों ने बताया कि बीते महीनों में उन्हें पता ही नहीं चलता था कि उनके कार्ड से कितनी राशि काटी गई है। ऐसे में यह निर्णय उनके लिए बड़ी राहत है।


फर्जीवाड़े पर सख्ती, योजना में पारदर्शिता बढ़ाने की तैयारी

स्वास्थ्य विभाग अब आयुष्मान भारत योजना को पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में तेज कार्रवाई कर रहा है।
विभाग ने संकेत दिए हैं कि आगे और भी डिजिटल सुधार लागू किए जाएंगे ताकि किसी भी अस्पताल या व्यक्ति द्वारा मरीजों का आर्थिक शोषण न हो सके।

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