Joff Foods success story रायपुर। कहते हैं कि सही आइडिया इंसान की जिंदगी बदल सकता है। रायपुर के आकाश और आशीष अग्रवाल की कहानी इस बात का जीता–जागता उदाहरण है। एक स्टील व्यवसायी परिवार में जन्मे इन दोनों भाइयों ने पारंपरिक बिजनेस छोड़ खाद्य उद्योग में कदम रखा और सिर्फ 7 साल में ‘जॉफ फूड्स’ को 100 करोड़ के पार ले गए। आज उनका ब्रांड भारत के सबसे तेजी से बढ़ते मसाला ब्रांडों में शामिल है।
एक आइडिया जिसने बदल दी जिंदगी — 2018 में ‘जॉफ फूड्स’ की शुरुआत
साल 2015 के आसपास दोनों भाइयों के मन में एक सवाल उठा—
“क्या बाजार में ऐसा मसाला उपलब्ध है जो पूरी तरह शुद्ध हो?”
इसका जवाब था—नहीं।
इसी कमी ने उन्हें एक बड़ा अवसर दिखाया। और यही से जन्म हुआ ‘जॉफ फूड्स’ का।
2018 में शुरू हुआ यह ब्रांड कुछ ही समय में लोगों की पहली पसंद बन गया, क्योंकि अग्रवाल बंधुओं ने शुरुआत से ही वादा किया—
“शुद्ध, मिलावट रहित और असली सुगंध वाला मसाला।”

क्यों हिट हुआ ‘जॉफ’? — तकनीक ने बढ़ाई विश्वसनीयता
लोगों के बीच जॉफ फूड्स इसलिए छा गया क्योंकि—
- इसमें कूल ग्राइंडिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया
- नो-ह्यूमन-टच प्रोसेसिंग अपनाई गई
- मसालों के जरूरी तेल, रंग और सुगंध को सुरक्षित रखा गया
- जिप-लॉक पैकिंग ने ताजगी बनाए रखी
इन तकनीकों ने जॉफ मसालों को बाजार में अलग पहचान दी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनी का रेवन्यू 92.66 करोड़ रुपए पहुँच गया, जो साफ दर्शाता है कि ब्रांड उपभोक्ताओं के बीच कितना लोकप्रिय हो गया है।
स्टील व्यवसाय से मसाला उद्योग तक — असाधारण सफर
आकाश और आशीष ने IIPM, नई दिल्ली से एमबीए किया था। कॉलेज के बाद दोनों स्टील प्लांट संभाल रहे थे, लेकिन दिल में कुछ नया करने की इच्छा हमेशा थी।
जब उन्होंने बाजार में मिलावट और निम्न गुणवत्ता वाले मसालों को देखा, तो फैसला किया कि—
“हम उपभोक्ताओं को वही मसाला देंगे, जो हम अपने घर में इस्तेमाल करते हैं।”
यही सोच आगे बढ़कर एक सफल ब्रांड की नींव बन गई।
गुणवत्ता पर समझौता नहीं — पूरी तरह ऑटोमैटिक हाइजीनिक प्लांट
अग्रवाल बंधुओं ने मसाला निर्माण में एयर-कूल्ड ग्राइंडिंग तकनीक अपनाई, जो—
- मसालों के मूल स्वाद
- प्राकृतिक तेल
- और सुगंध
को लंबे समय तक सुरक्षित रखती है।
इस तकनीक ने जॉफ मसालों को घर-घर की पसंद बना दिया।
मार्केटिंग और दूरदर्शिता — छोटे शहरों से बड़े बाजार तक का सफर
जॉफ फूड्स ने पहले टियर-II शहरों पर फोकस किया, जहां लोगों ने इस ब्रांड पर तेजी से भरोसा जताया।
इसके बाद—
- D2C वेबसाइट
- Zepto
- Blinkit
जैसे प्लेटफॉर्म पर आने से इसकी पहुंच बढ़ती चली गई।
राजस्व में बड़ा उछाल — 25 करोड़ से 100 करोड़ की छलांग
रेवन्यू की यात्रा बेहद शानदार रही—
- 2020–21: 25.79 करोड़
- 2023–24: 92.66 करोड़
- 2024–25: 100 करोड़+
कंपनी का लक्ष्य है—
2025–26 तक 170–180 करोड़ रुपए का आंकड़ा छूना।
