SIR दबाव में गुजरात के शिक्षक की आत्महत्या: BLO ड्यूटी से तनाव में थे अरविंद वधेर, परिवार ने मांगा मुआवजा

राजकोट। गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडीনার तालुका के देवली गांव में 40 वर्षीय सरकारी शिक्षक अरविंद वधेर ने शुक्रवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा कि वे Special Intensive Revision (SIR) के दौरान BLO (बूथ लेवल अधिकारी) ड्यूटी के भारी दबाव को सहन नहीं कर पा रहे थे।

घटना के बाद जिले भर के शिक्षकों में आक्रोश है, क्योंकि कई महीनों से BLO कार्य से बढ़ते मानसिक दबाव की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं।


पत्नी के नाम भावुक सुसाइड नोट: “मैं लाचार हूं, खुद को संभालना”

पुलिस के अनुसार अरविंद वधेर ने सुबह लगभग 6:35 बजे आत्महत्या की। सुसाइड नोट में उन्होंने पत्नी संगीता से लिखा—

  • “तुम अपना और हमारे बेटे का ख्याल रखना। मैं तुम दोनों से बहुत प्यार करता हूं।”
  • “मैं लाचार हूं। इस काम के दबाव को और नहीं संभाल सकता।”

उन्होंने यह भी लिखा कि SIR का काम पूरा न कर पाने से वे मानसिक रूप से टूट चुके थे। नोट में उन्होंने अपनी पत्नी को अपना कार्य-संबंधी बैग स्कूल को सौंपने के लिए कहा।


BLO ड्यूटी का तनाव: 1200 फॉर्म, 500 घर और ऑनलाइन अपलोडिंग का भारी बोझ

अरविंद वधेर कुछ समय पहले ही BLO की भूमिका में नियुक्त हुए थे।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला अध्यक्ष विनोद बारड के अनुसार—

  • BLO को लगभग 1,200 फॉर्म बांटने होते हैं
  • लगभग 500 घरों का सत्यापन करना होता है
  • भरे हुए फॉर्म जमा करना
  • और अंत में सारा डेटा ऑनलाइन अपलोड करना होता है

ये सारे काम शिक्षकों के लिए अतिरिक्त बोझ बन जाते हैं, क्योंकि वे पहले से ही विद्यालय की जिम्मेदारियों में बंधे होते हैं।

बारड ने बताया कि वधेर आत्महत्या से ठीक एक दिन पहले भी SIR का काम कर रहे थे, और तनाव स्पष्ट दिखने लगा था।


परिजन का विरोध: “यह प्रशासनिक दबाव से हुई मौत है”

घटना के बाद वधेर के परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया और पोस्टमार्टम रूम के बाहर धरना शुरू कर दिया।
उनकी मांगें—

  • BLO ड्यूटी के दौरान मौत होने के कारण 1 करोड़ रुपये मुआवजा
  • अरविंद की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी
  • BLO ड्यूटी में कथित दबाव डालने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई

परिवार का कहना है कि अरविंद लगातार तनाव में थे, और जिम्मेदार अधिकारी उनकी परेशानी देखते हुए भी चुप रहे।


सरकार से अलग BLO कैडर बनाने की मांग तेज

विनोद बारड ने बताया कि संघ कई बार सरकार से कह चुका है कि—
“BLO कार्य अत्यधिक तकनीकी और लंबा होता है, इसलिए शिक्षकों को इस भूमिका में नहीं लगाया जाना चाहिए। इसके लिए एक अलग BLO कैडर बनाया जाए।”

वधेर की मौत ने इस मांग को और मजबूती दे दी है।


पुलिस जांच जारी

कोडीदार पुलिस ने मामले में ADR (Accidental Death Report) दर्ज किया है और आगे की जांच शुरू कर दी है।
चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन पर अब बढ़ते BLO तनाव पर जवाबदेही का सवाल उठ रहा है।

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