पश्चिम बंगाल में SIR के दौरान दूसरी BLO की आत्महत्या, काम का दबाव बना घातक; कई राज्यों में बढ़ी चिंता

BLO suicide during SIR। पश्चिम बंगाल में Special Intensive Revision (SIR) के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) पर बढ़ते दबाव ने एक और जान ले ली। नदिया जिले की 51 वर्षीय रिंकू तारफदार, जो एक पैराटीचर थीं, ने शुक्रवार रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह तीन दिनों में दूसरी BLO हैं, जिन्होंने SIR के काम के दबाव से तंग आकर जान दी।

देशभर में अब तक 5 राज्यों से 6 BLO आत्महत्याओं की खबरें सामने आ चुकी हैं, जिससे चुनावी व्यवस्थाओं और मानव संसाधन प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।


दो पन्नों का सुसाइड नोट: “इस अमानवीय दबाव को नहीं झेल सकती”

रिंकू ने बंगला में लिखे गए दो पन्नों के सुसाइड नोट में साफ कहा कि उनकी मौत के लिए चुनाव आयोग (EC) जिम्मेदार है।
उन्होंने लिखा—

  • “मैं किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करती।”
  • “मैं बहुत साधारण व्यक्ति हूं, लेकिन यह अमानवीय काम का दबाव अब सहा नहीं जाता।”
  • “मैंने 95% ऑफलाइन काम पूरा किया, लेकिन ऑनलाइन काम नहीं आता। कई बार बताया, लेकिन किसी ने नहीं सुना।”

उनके पति अशीम तारफदार ने आरोप लगाया कि यह “आत्महत्या नहीं, बल्कि EC द्वारा किया गया हत्या जैसा दबाव” है।


डिजिटल ज्ञान की कमी बनी सबसे बड़ी चुनौती

परिवार ने बताया कि रिंकू समय पर फॉर्म बांटती थीं, लेकिन ऑनलाइन अपलोडिंग में सक्षम नहीं थीं।
उनके अनुसार—

  • BLOs को प्रशिक्षण कम मिला
  • काम का दबाव अधिक रहा
  • भुगतान बेहद कम था
  • छुट्टी तक नहीं मिल रही थी

उनकी डिजिटल अक्षमता से वे लगातार तनाव में थीं और “प्रशासनिक परिणामों” से डर रही थीं।


तीन दिन में दूसरी मौत, राज्य में चिंता का माहौल

बुधवार को जलपाईगुड़ी की 48 वर्षीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जो BLO के रूप में तैनात थीं, ने भी आत्महत्या कर ली थी।
उनका परिवार दावा कर चुका है कि—

  • वह बंगला पढ़, लिख या बोल नहीं पाती थीं
  • इस कारण SIR संबंधी ऑनलाइन डेटा अपलोड और फॉर्म भरना अत्यंत कठिन था

इसके अलावा केरल, राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु से भी BLO आत्महत्याओं की खबरें सामने आई हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तेज, ममता बनर्जी ने EC पर उठाया बड़ा सवाल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने X पर रिंकू का सुसाइड नोट साझा करते हुए लिखा—
“और कितनी जानें जाएंगी? SIR के लिए और कितनी मौतें देखनी होंगी?”

कृष्णानगर की सांसद माहुआ मोइत्रा ने वीडियो के माध्यम से सुसाइड नोट को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया।


BJP ने नोट पर उठाए सवाल, EC पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ

बंगाल BJP चीफ समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मौत की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा—
“अब बंगाल में सांप काटने से हुई मौत को भी EC के दबाव से हुई आत्महत्या बताया जा सकता है।”

BJP ने दावा किया कि—

  • कई BLO ऑनलाइन काम से परिचित नहीं हैं
  • TMC सरकार ने EC के 1,000 डेटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त करने के प्रस्ताव पर कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण दबाव BLOs पर आ गया

EC ने रिपोर्ट तलब की, ज़मीनी सवाल अब भी बाकी

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने बताया कि वे दोनों मौतों की रिपोर्ट जिलों से मंगवा रहे हैं।
रिपोर्ट मिलने के बाद इसे चुनाव आयोग को भेजा जाएगा।

हालांकि SIR के दौरान बढ़ते दबाव, डिजिटल दक्षता की कमी, और BLOs की सुरक्षा व मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अब बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

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