Durg Nursery Schools Play School Guideline। जिले में प्री-प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था अब बड़े बदलाव से गुजरने वाली है। दुर्ग के 45 नर्सरी स्कूल अब प्ले स्कूल के रूप में परिवर्तित होंगे, जिसके लिए जिला शिक्षा विभाग से मान्यता लेना अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों को संचालन शुरू होने के तीन महीने के भीतर मान्यता के लिए आवेदन जमा करना होगा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बदली व्यवस्था
अब तक छत्तीसगढ़ में प्ले स्कूलों के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं था। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को प्ले स्कूल एक्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया। एक्ट के लागू होने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में गाइडलाइन भेज दी है।
अब 3 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
ट्विनसिटी में घरों में चल रहे 95% नर्सरी स्कूल
दुर्ग-भिलाई ट्विनसिटी में बड़ी संख्या में नर्सरी स्कूल घरों में ही संचालित किए जा रहे हैं। खासकर सेक्टर एरिया में ऐसे कई स्कूल हैं, जहाँ
- न खेल का मैदान
- न हवादार कमरे
- न सुरक्षा व्यवस्था
उपलब्ध है।
नई गाइडलाइन लागू होने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने प्ले स्कूल मानकों पर खरे उतरते हैं। मान्यता के लिए आवेदन के बाद शिक्षा विभाग इन स्कूलों की विस्तृत जांच करेगा।
हर क्लासरूम हवादार, CCTV और सुरक्षा मानक अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने प्ले स्कूलों के लिए कड़ाई से कई मानक निर्धारित किए हैं। इनमें शामिल हैं—
- हर क्लासरूम खुला और हवादार हो
- बच्चों के लिए साफ पानी
- अलग-अलग शौचालय (बालक/बालिका)
- रेस्ट रूम
- परिसर में CCTV कैमरे
- अग्निशमन यंत्र और बाउंड्रीवाल
- स्वच्छता की सुविधाएँ – साबुन, वाशबेसिन, डस्टबिन
- मेडिकल सुविधा उपलब्ध हो
स्कूल का समय 3 से 4 घंटे निर्धारित किया गया है, ताकि छोटे बच्चों पर शारीरिक और मानसिक दबाव न पड़े।
पालक शिक्षक समिति अनिवार्य, 75% सदस्य होंगे पालक
नई गाइडलाइन के अनुसार हर प्ले स्कूल में पालक-शिक्षक समिति (PTC) बनाना अनिवार्य किया गया है।
- समिति का गठन स्कूल शुरू होने के एक महीने के भीतर
- समिति में 75% पालक और 25% शिक्षक शामिल होंगे
- अध्यक्ष का चयन पालकों में से ही किया जाएगा
- हर तीन महीने में बैठक अनिवार्य होगी
इस व्यवस्था का उद्देश्य स्कूल प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
फिलहाल स्कूल संचालकों में हलचल, अभिभावक कर रहे स्वागत
जहाँ एक ओर कई नर्सरी स्कूल संचालकों में नई शर्तों को लेकर हलचल है, वहीं अभिभावक इस फैसले को बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।
