बेमेतरा में बड़ा फैसला: पैसों की कमी बताकर हटाए गए 11 शिक्षक और आया फिर से बहाल

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले से आई यह खबर शिक्षा व्यवस्था और मानवीय संवेदना दोनों की कहानी कहती है। पैसों की कमी का हवाला देकर हटाए गए 7 शिक्षकों और 4 आया—कुल 11 कर्मचारियों—को आखिरकार जिला प्रशासन ने फिर से नौकरी पर बहाल कर दिया

कैसे सामने आई पूरी कहानी

अक्तूबर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम प्री प्राइमरी स्कूल में कार्यरत महिला शिक्षकों और आया को अचानक सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया गया। वजह बताई गई—“पैसों की कमी”
हालांकि, कर्मचारियों का वेतन पिछले एक साल से लंबित था और इसी बीच उन्हें काम से हटा दिया गया।

खास बात यह रही कि सेवा समाप्ति का आदेश भी छुट्टी वाले दिन, रविवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बुलाकर दिया गया। इस घटना के बाद कर्मचारियों में भारी तनाव फैल गया।

झटका सह न सकी शिक्षिका, कार्यालय में बेहोश हुईं

जब नौकरी से हटाए जाने की जानकारी कर्मचारियों को मिली, तो एक महिला शिक्षिका, जो पिछले एक साल से बिना वेतन काम कर रही थीं, सदमे से कार्यालय में ही बेहोश हो गईं

जिला प्रशासन ने मानी गलती, आदेश हुआ निरस्त

जिला प्रशासन ने न सिर्फ सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त किया बल्कि सभी 7 शिक्षिकाओं और 4 आया को तत्काल बहाल करने का फैसला भी सुनाया।

2022 में हुई थी सभी 11 कर्मचारियों की नियुक्ति

सभी 11 महिला शिक्षकों और आया की नियुक्ति वर्ष 2022 में हुई थी।
उनका वेतन खनिज न्यास मद (DMF Fund) से दिया जाता था, लेकिन पिछले एक साल से भुगतान नहीं होने से महिलाएँ लगातार परेशान थीं।
जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तो उल्टा उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया गया था।

अब क्या है स्थिति?

  • सभी 11 कर्मचारी फिर से स्कूल में अपनी सेवाएँ दे सकेंगे
  • सेवा समाप्ति का आदेश पूरी तरह रद्द कर दिया गया है।
  • प्रशासन ने माना कि मामले को गलत तरीके से हैंडल किया गया था।

कहानी बताती है—आवाज़ उठाने से बदलाव आता है

यह पूरी घटना दिखाती है कि

  • मीडिया की असरदार रिपोर्टिंग
  • कर्मचारियों की दृढ़ता
  • और प्रशासन की समीक्षा

किस तरह एक गलत फैसले को बदल सकती है।

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