रायपुर, 23 नवंबर 2025।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा देशभर में बढ़ते डॉग बाइट मामलों पर कड़ी टिप्पणी के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूल सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य शिक्षा विभाग ने शनिवार को नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है, जो स्कूल परिसरों में घूम रहे आवारा कुत्तों और मवेशियों की घटनाओं की निगरानी करेंगे।
शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने बताया कि विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है, जिसमें स्कूलों में प्रवेश करने वाले हर आवारा पशु की तुरंत रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है।
🐕🦺 मिड-डे मील में कुत्ते द्वारा भोजन खराब करने की घटना बनी वजह
मंत्री यादव ने एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए कहा—
“कुछ दिन पहले बारोदा बाज़ार के एक स्कूल में मिड-डे मील के लिए बन रहा खाना एक कुत्ते ने खराब कर दिया। इसमें लगभग 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ।”
इस घटना ने विभाग को अधिक सतर्क होने और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त करने के लिए प्रेरित किया।
👨🏫 “शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं” — मंत्री की स्पष्टता
मंत्री यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि
“किसी भी शिक्षक को कुत्तों की निगरानी का काम नहीं सौंपा गया है। गलतफहमी न फैलाएँ। शिक्षक सिर्फ अपने स्कूल में आने-जाने वालों पर निगरानी रखें, यही उनकी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि स्कूल में पाए जाने वाले आवारा कुत्तों की जानकारी नगर निगम और ग्राम पंचायत को भेजी जाएगी, ताकि उनकी उचित व्यवस्था कराई जा सके।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: “शैक्षणिक संस्थानों में एक भी आवारा कुत्ता नहीं”
7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि—
- स्कूल, अस्पताल, खेल परिसर, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन में आवारा कुत्तों का प्रवेश पूरी तरह रोका जाए।
- इन संस्थानों को ढंग से घेरा जाए ताकि पशु अंदर न आ सकें।
- पकड़े गए कुत्तों को उसी स्थान पर वापस न छोड़ा जाए, क्योंकि इससे आदेश का उद्देश्य प्रभावित होगा।
- सभी कुत्तों को वैक्सीनेशन व नसबंदी के बाद निर्धारित शेल्टरों में रखा जाए।
अदालत ने यह भी कहा कि आदेश का पालन न होने पर संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
🏫 तीन महीने तक होगी नियमित जांच, रिपोर्ट आठ सप्ताह में
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार—
- हर संस्था के लिए एक नोडल अधिकारी आवश्यक है
- स्थानीय निकाय लगातार तीन महीने तक निरीक्षण करेंगे
- आठ सप्ताह के भीतर पालन की स्थिति रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी होगी
छत्तीसगढ़ में इन आदेशों को ध्यान में रखते हुए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति तेज की गई है।
🔍 स्कूलों में सुरक्षा को लेकर बढ़ी जागरूकता
राज्य के कई स्कूलों में अब आवारा कुत्तों की संख्या पर नियमित मॉनिटरिंग शुरू हो गई है।
बारोदा बाज़ार की घटना के बाद अभिभावक भी सतर्क हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि यह नई व्यवस्था बच्चों की सुरक्षा और मिड-डे मील की गुणवत्ता दोनों को बेहतर बनाएगी।
