व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल: डॉक्टरों ने जुटाए ₹26 लाख, कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश का खुलासा

नई दिल्ली, 23 नवंबर 2025।
देश की सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक हैरान करने वाला सच तब आया जब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल के एक अहम आरोपी मुझम्मिल गनई से पूछताछ की। गनई ने कबूल किया कि पाँच डॉक्टरों ने मिलकर ₹26 लाख की फंडिंग जुटाई, और यह रकम देश के कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश के लिए इस्तेमाल होनी थी।

यह खुलासा न सिर्फ NIA के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता बढ़ाने वाला है, क्योंकि इस नेटवर्क ने लगभग दो साल तक विस्फोटक और रिमोट-ट्रिगरिंग डिवाइस जुटाने की तैयारी की।


डॉक्टरों ने मिलकर बनाया फंड — गनई ने दिए चौंकाने वाले विवरण

NIA अधिकारियों के अनुसार, गनई ने स्वीकार किया कि—

  • उसने खुद ₹5 लाख दिए
  • डॉ. अदील अहमद राथर ने ₹8 लाख
  • मुजफ्फर अहमद राथर ने ₹6 लाख
  • डॉ. शहीन शाहिद ने ₹5 लाख
  • डॉ. उमर उन-नबी मोहम्मद ने ₹2 लाख

सारी रकम उमर को सौंपी गई, जो तकनीकी और विस्फोटक तैयार करने के काम की अगुवाई कर रहा था।

मानो किसी मेडिकल कॉलेज की दुनिया से निकलकर यह नेटवर्क सीधे हिंसक अतिवाद की अंधेरी योजना में उतर चुका था।


गुरुग्राम-नूंह से खरीदे 26 क्विंटल NPK उर्वरक, बना विस्फोटक का आधार

पूछताछ में यह भी पता चला कि मुझम्मिल गनई ने लगभग ₹3 लाख में
26 क्विंटल NPK फर्टिलाइज़र खरीदे।

एक अधिकारी ने बताया:
“ये लोग रातों-रात बम नहीं बना रहे थे। यह एक सालों तक सोची-समझी और सावधानी से तैयार की गई साजिश थी।”

सूत्रों के अनुसार—

  • उर्वरक
  • अमोनियम नाइट्रेट
  • यूरिया

इन सबका बड़ा स्टॉक इकट्ठा किया गया।
उमर उन-नबी इन विस्फोटकों को तकनीकी रूप से तैयार करने, रिमोट डिटोनेटर और सर्किट्री जुटाने और पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित रूप से छिपाने का काम देख रहा था।


लाल किला विस्फोट: उमर कार चलाकर मौके से निकला

जांच में सामने आया कि 10 नवंबर को ह्युंडई i20 कार में रखे विस्फोटक को लाल किला के पास उमर ने ही डिटोनेट किया और भीड़भाड़ वाले इलाके में खतरा बढ़ाने के बाद कानून के शिकंजे से बचकर भाग निकला

इस हमले ने NIA को मजबूर किया कि वह पूरे नेटवर्क का रूटमैप दोबारा खंगाले।


तीन डॉक्टर गिरफ्तार, एक अफगानिस्तान में — जांच अब सप्लाई चेन पर केंद्रित

अब तक—

  • मुझम्मिल गनई
  • शहीन शाहिद
  • अदील राथर

को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं अदील राथर का भाई मुजफ्फर, जो इस नेटवर्क का हिस्सा माना जाता है, अफगानिस्तान में छिपा हुआ माना जा रहा है

NIA ने निसार-उल-हसन की भी तलाश तेज कर दी है, जो अल-फला मेडिकल कॉलेज में उमर, गनई और शाहिद के साथ काम करता था।


सीरियल ब्लास्ट का बड़ा प्लान — सिर्फ एक धमाके की कहानी नहीं

एक वरिष्ठ NIA अधिकारी ने बताया कि यह नेटवर्क एक शहर में नहीं, बल्कि कई शहरों में सामूहिक धमाकों की योजना बना रहा था।
“जितनी मात्रा में सामग्री बरामद हुई है, वह एक धमाके के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं, बल्कि यह श्रृंखलाबद्ध हमलों की मंशा को साफ दर्शाती है,” उन्होंने कहा।

हालांकि, किसी भी प्रकार की स्वीकारोक्ति तब ही वैध मानी जाती है जब उसे मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया जाए।


नेटवर्क का विस्तार — मेडिकल पहचान बन रही थी ढाल

NIA का अगला लक्ष्य इस मॉड्यूल की सप्लाई चेन, तकनीकी सहयोगियों और यह पता लगाना है कि क्या पेशेवर मेडिकल पहचान का इस्तेमाल गुप्त गतिविधियों के लिए किया गया।

एक अधिकारी ने कहा:
“यह एक गहराई तक जड़ें जमा चुका नेटवर्क लगता है, जो अकादमिक ढाल की आड़ में काम कर रहा था। अब हमारा उद्देश्य हर नोड तक पहुंचना है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *