रायपुर, 22 नवंबर 2025/ साहित्य जगत के लिए कल का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे हिंदी साहित्य जगत के लिए गर्व की बात है।
विनोद कुमार शुक्ल: सादगी और संवेदना की गहन पहचान
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य की उस जीवंत परंपरा के प्रतिनिधि हैं, जिसने अपनी सरल भाषा, गहरी संवेदना और अद्भुत लेखन-शैली से पाठकों की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है। उनकी रचनाएँ आज भी जीवन की बारीकियों, मानवीय भावनाओं और सामाजिक सरोकारों को सहजता से सामने लाती हैं।
छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण
इस प्रतिष्ठित सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है कि राज्य की साहित्यिक प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा मंच मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार विनोद कुमार शुक्ल के अद्वितीय साहित्यिक योगदान की सशक्त पहचान है।
सीएम ने दी शुभकामनाएँ, कहा—साहित्य की रोशनी यूँ ही फैलती रहे
मुख्यमंत्री साय ने उनके स्वस्थ, दीर्घ और सक्रिय जीवन की कामना करते हुए कहा कि उनकी रचनात्मक ऊर्जा आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विनोद कुमार शुक्ल की साहित्यिक विरासत हिंदी जगत को नई दिशा देती रहेगी।
