छत्तीसगढ़ में SIR प्रक्रिया तेज: व्हाइट बैकग्राउंड फोटो जरूरी नहीं, निर्वाचन आयोग ने जारी की महत्वपूर्ण गाइडलाइन

रायपुर: देशभर के 12 राज्यों में इन दिनों SIR यानी Special Intensive Revision (विशेष गहन पुनरीक्षण) का काम पूरी तेजी से चल रहा है। छत्तीसगढ़ में भी यह प्रक्रिया तेज हो गई है। बूथ लेवल अधिकारी (BLO) जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन में घर-घर पहुँचकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं और जरूरी दस्तावेजों की जाँच कर रहे हैं।
इस बीच निर्वाचन आयोग ने एक अहम गाइडलाइन जारी कर मतदाताओं की बड़ी चिंता दूर कर दी है।


व्हाइट बैकग्राउंड फोटो जरूरी नहीं: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का आदेश

कुछ दिनों से यह अफवाह फैल रही थी कि SIR प्रक्रिया के लिए व्हाइट बैकग्राउंड वाली फोटो देना अनिवार्य है।
लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस गलतफहमी को स्पष्ट करते हुए बताया:

  • सभी मतदाताओं को नई फोटो देने की आवश्यकता नहीं है।
  • यदि फॉर्म में लगा पुराना फोटो धुंधला या खराब है, तभी नया फोटो लिया जाएगा।
  • BLO अपने मोबाइल से भी साफ फोटो लेकर उसे सिस्टम में अपलोड कर सकते हैं।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग फोटो स्टूडियो तक आसानी से नहीं पहुँच पाते, जिससे उन्हें अनावश्यक परेशानी हो रही थी।


किसे दस्तावेज देने की जरूरत नहीं?

छत्तीसगढ़ में SIR प्रक्रिया का दूसरा चरण 4 नवंबर 2025 से शुरू हो चुका है।
BLO घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है:

  • यदि आपका नाम 2003 की SIR सूची में है, तो किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है।
  • यदि तब आप 18 वर्ष के नहीं थे या किसी अन्य राज्य/जिले में रहते थे, तब भी चिंता की बात नहीं है।
  • यदि 2003 की सूची में आपके माता-पिता का नाम दर्ज है, तो भी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी।

इस नियम से लाखों मतदाताओं को राहत मिलेगी, खासकर ऐसे परिवारों को जो लंबे समय से एक ही गांव या शहर में रहते हैं।


कब देने होंगे दस्तावेज?

यदि 2003 की SIR सूची में न आपका नाम है और न ही आपके माता-पिता का, ऐसे में आपको अपनी नागरिकता का प्रमाण देना होगा।
इसके लिए निर्वाचन आयोग ने 13 प्रकार के दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिनमें शामिल हैं:

  • जन्म प्रमाणपत्र
  • पासपोर्ट
  • मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र
  • स्थायी निवास प्रमाणपत्र
  • जाति प्रमाणपत्र
  • वन अधिकार प्रमाणपत्र
  • केंद्र/राज्य सरकार या PSU कर्मचारी पहचान पत्र
  • भूमि/मकान आवंटन प्रमाणपत्र
  • फैमिली रजिस्टर
  • NRC संबंधित दस्तावेज
  • तथा अन्य स्वीकृत प्रमाणपत्र

BLO पहले एक महीने तक सर्वे करेंगे, फिर दावा-आपत्ति की प्रक्रिया चलेगी और इसके बाद अंतिम सूची जारी होगी।


यदि SIR प्रक्रिया में नाम कट जाए तो क्या करें?

कई लोग चिंतित रहते हैं कि कहीं उनका नाम गलती से न हट जाए। आयोग ने स्पष्ट किया है:

  • यदि आपका नाम SIR में हट जाता है,
    तो पहले कलेक्टर के पास और फिर मुख्य निर्वाचन कार्यालय में अपील कर सकते हैं।

इससे सुनिश्चित होता है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम गलत तरीके से नहीं हटाया जाएगा।


SIR क्यों जरूरी है?

SIR यानी Special Intensive Revision 1951 से 2004 के बीच आठ बार हुआ और अंतिम बार 2004 में हुआ था।
दो दशक से यह प्रक्रिया नहीं हुई थी, जिसकी वजह से मतदाता सूची में कई त्रुटियाँ बढ़ गई थीं—
जैसे कि:

  • मृत मतदाताओं के नाम
  • स्थायी रूप से शिफ्ट हो चुके लोग
  • डुप्लीकेट वोटर
  • घुसपैठियों और विदेशी नागरिकों के नाम
  • लापता वोटर

इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने SIR को फिर से लागू करने का निर्णय लिया।

पहले चरण में बिहार में प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
दूसरे चरण में यूपी, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में काम जारी है।
जल्द ही तीसरे चरण में बाकी राज्यों में भी यह अभियान शुरू होगा।

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